रीवा. जिला न्यायालय परिसर में राष्ट्रीय लोक अदालत का जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण राकेश मोहन प्रधान ने शनिवार को मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया। इस दौरान 50 खंडपीठों में सुनवाई के बाद आपसी सहमति से 2428 प्रकरणों का मौके पर निराकरण किया गया। साथ ही 14 करोड़ 43 लाख 44 हजार 779 रुपए का अवार्ड भी पारित किया गया। इस मौके पर प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि लोक अदालत लंबित मामलों के निराकरण के लिए सबसे अच्छा माध्यम है।
इस दौरान जिला विधिक सहायता अधिकारी अभय कुमार मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि नेशनल लोक अदालत में आपसी समझौते के तहत प्रकरणों के निराकरण के लिए जिला एवं तहसील न्यायालयों में 50 खण्डपीठों का गठन किया गया था। इसमें प्री लिटिगेशन के 1343 प्रकरण निराकृत किए गए और 1 करोड़ 52 लाख 51 हजार 405 रुपए का अवार्ड पारित हुआ तथा 1085 लंबित प्रकरणों के निराकरण में 12 करोड़ 90 लाख 93 हजार 374 रुपए का अवार्ड पारित किया गया। इस तरह कुल 2428 प्रकरणों का निराकरण करते हुए 14 करोड़ 43 लाख 44 हजार 779 रुपए का अवार्ड पारित किया गया। इस अवसर पर सभी न्यायाधीशगण तथा अधिवक्ता गण उपस्थित रहे।
इस प्रकार प्रकरणों का हुआ निराकरण
- पारिवारिक विवाद के 38 प्रकरणों का निराकरण हुआ
- दाण्डिक के 379 प्रकरण निराकृत, समझौता राशि 3 लाख रुपए
- चेक बाउंस के 124 प्रकरण में 1 करोड़ 63 लाख 6 हजार 264 रुपए
- मोटर क्लेम के 210 प्रकरण में 8 करोड़ 6 लाख 16 हजार 405 रुपए
- सिविल के 81 प्रकरण में 2 करोड़ 20 लाख 49 हजार 923 रुपए
-उपभोक्ता फोरम के दस प्रकरण में 5 लाख 22 हजार 108 रुपए
- श्रम के पांच प्रकरणों में 64 लाख 79 हजार 25 रुपए
- अन्य लंबित 98 प्रकरणों में 95 लाख 9 हजार रुपए
- विद्युत प्री लिटिगेशन के 131 प्रकरण में 18 लाख 19 हजार 470 रुपए
- बैंक प्री लिटिगेशन के 297 प्रकरण में 1 करोड 1 लाख 28 हजार 249 रुपए
- जलकर प्री लिटिगेशन के 915 प्रकरणों में 33 लाख 3 हजार 683 रुपए
- कुल 2428 प्रकरण निराकृत, आवर्ड राशि 144344779 रुपए
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