Thursday, 12 January 2023

हल्दी ने हरीश के जीवन में लाई हरियाली, दिखाई तरक्की की राह, जानिए कैसे


शुभ कार्य प्रतीक मानी जाने वाली हल्दी आर्थिक रूप से भी समृद्ध बना सकती है। बस जरूरत है इसे व्यावसायिक रूप से अपनाने की। मध्यप्रदेश के रीवा जिले के सेमरिया के ग्राम बरौ के हरीश पटेल ने कुछ ऐसा ही किया है। और आज वो इससे लाखों रुपये कमा रहे हैं। हरीश पहले पारंपरिक खेती कर अपने परिवार का गुजर बसर किया करते थे। लेकिन इस पांपरिक खेती से उनके जीवन में कोई आर्थिक बदलाव नहीं आ रहा था, सिर्फ जीविका ही चल पाती थी, जबकि उनके पास खेती की 5 एकड़ जमीन है। हर साल हरीश ने अपनी 5 एकड़ जमीन में धान और गेंहू बोते थे।  उत्पादन भी भरपूर हुआ लेकिन अपने उपयोग के अलावा समिति में समर्थन मूल्य पर फसल बेचने पर भी कोई खास लाभ नहीं  होता था। 

शुरू की हल्दी की खेती

खेती को लेकर हरीश कुछ नया करना चाह रहे थे इसी बीच आत्मा परियोजना की आभा गौर ने उन्हें लीक से हटकर व्यावसायिक खेती करने की सलाह दी। जिसे मानकर  गेंहू का रकवा कम कर 3 एकड़ में केवल हल्दी की खेती शुरू कर दी। पहली बार ही 40 क्वटल हल्दी का उत्पादन हुआ।  हल्दी को सुखाकर चक्की में उसकी पिसाई कराई और पिसी हुई हल्दी हाथों-हाथ 120 रूपये किलो के भाव से 4.80 लाख रूपये की बाजार में बेची।  इस तरह से इस व्यावसायिक खेती से वो लाखों रुपए कमा लिये। 

लगायेंगे हल्दी प्रोसेसिंग यूनिट

हरीश अब इस काम का आगे बढ़ाने की योजना बना रहे हैं। वो हल्दी प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने वाले हैं, जैसे ही बैंक के अधिकारी हल्दी प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने के लिये ऋण प्रकरण स्वीकृत एवं वितरित कर देंगे हल्दी की प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित कर देंगे। और आसपास के लोगों को भी हल्दी की व्यावसायिक खेती के लिए प्रेरित करेंगे।


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