Friday, 13 January 2023

डीआईजी कार्यालय के सामने महिलाओं की गुंडागर्दी, खाकी खामोश बन रही तमाशबीन

रीवा. यदि ये कहा जाये कि रीवा पुलिस ने महिलाओं को गुंडागर्दी किये जाने की छूट दे रखी है तो शायद गलत न होगा। महिलायें जिसे चाहे बीच बाजार में बेईज्जत कर दें, चप्पलों से धुनाई कर दे, छेड़छाड़ का आरोप लगा दे पुलिस तमाशबीन बन कर तमाशा देखेगी। वहीं दूसरी ओर यदि कोई युवक मारपीट करे दे तो उसके लिए रीवा पुलिस के पास कई धारायें है। बीते माह गुढ़ स्थित समुदायिक स्वास्थ केंद्र के बीएमओ डॉ. कल्याण सिंह के साथ एक महिला द्वारा मारपीट को अंजाम दिया गया था। जिसमें पुलिस को उक्त महिला के विरुद्ध अपराध कायम करने में पसीने छूट गये थे। पीडि़त डॉ. कल्याण सिंह को न्याय के लिए दर-दर भटकना पड़ा। तब जाकर पुलिस ने अपराध पंजीबद्ध किया। गुढ़ के बाद 11 जनवरी को शहर में महिलाओं की गुंडागर्दी देखी गई। महिलाओं के हौसले इतने बुलंद थे कि डीआईजी कार्यालय के सामने ही एक युवक को बेरहमी से चप्पलों से पिटाई की। जिसकी कुछ लोगों ने वीडियो भी बनाई और पुलिस को सूचना भी दी। धन्य है रीवा पुलिस जो सूचना मिलने पर भी मौके नहीं पहुंची और महिलायें अधेड़ युवक पर लगभग आधा घंटे तक चप्पलों की बरसात करती रही। ताजुब तो तब होता है कि डीआईजी कार्यालय के सामने महिलायें गुंडागर्दी कि और 24 घंटे गुजरने के बाद भी पुलिस महिलाओं के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध नहीं की। आश्चर्य तो तब हुआ जब खाकी के जिम्मेदारों ने यह तर्क देते हुये अपना पल्ला झाड़ लिया कि कोई रिर्पोट करने ही थाना नहीं आया।

वायरल वीडियो पर पुलिस की घड़ी के थमे कांटे

पुलिस विभाग के जिम्मेदारों ने यह कहते हुये गुंडागर्दी करने वाली महिलाओं को क्लीन चिट दे दी कि कोई थाना रिर्पोट करने ही नहीं आया। पुलिस का यह जबाब जनता के गले से नहीं उतरा। सोशल मीडिया में यदि युवकों के मारपीट का वीडियों हो या फिर तमंचा लहराने का वीडियों वायरल होता है तो खाकी तुरंत हरकत में आ जाता है और आरोपियों को जमीन के अंदर से खोज कर पकड़ लेती है। इतना ही नहीं जनता के बीच वाहवाही लूटने के लिए बकायदा प्रेसनोट जारी कर खबर को प्रसारित करती है। और उसका हिसाब घंटो में देती है कि 4 घंटे में वायरल वीडियों पर आरोपियों की पहचान कर गिरफ्तार कर लिया गया। सोच का विषय है कि डीआईजी कार्यालय के सामने दिन दहाड़े महिलाओं ने अधेड़ के साथ मारपीट की और अश्लील गालियां बकी उनको तलासने में पुलिस की घड़ी के कांटे क्यों थम गये।

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