Wednesday, 29 March 2023

Rewa में रिश्वत के साथ पकड़े गये सूबेदार सहित आरक्षक, थाना के सामने लोग देखते रहे तमाशा

रीवा. यातायात थाना कुबेर का खजाना माना जाता है। थाना प्रभारी बनने के लिए सूबेदार ऐड़ी-चोटी का जोर लगाते हैं।  विधायक से लेकर मंत्री तक की सिफारिश लगवा कर थाना प्रभारी की कुर्सी हथिया लेते हैं। और फिर शुरु होता है उनकी लूट-खसोट। मूलत: चित्रकूट के रहने वाले सूबेदार दिलीप तिवारी ने भी यातायात थाना प्रभारी की कुर्सी में बैठने के लिए ऐड़ी-चोटी का जोर लगाया था। जैसे ही यातायात थाना के प्रभारी बने वैसे ही अवैध वसूली का खेल शुरु हो गया। एक कहवात है कि बकरे की मां आखिर कब तक खैर मनायेगी ऐसा ही कुछ यातायात थाना प्रभारी सूबेदार दिलीप तिवारी के साथ भी हुआ। आखिरकार 28 मार्च की शाम लोकायुक्त के शिकंजे में फंस ही गये। मजे की बात तो यह है कि सूबेदार रिश्वत लेने का स्थान सिविल लाइन थाना के सामने चुना। जहां लोग पुलिस को घूंस लेने में पकड़े जाने का तमाशा देखते रहे। जारी प्रेस नोट में लोकायुक्त एसपी गोपाल धाकड़ ने बताया कि यातायात थाना प्रभारी सूबेदार दिलीप तिवारी सहित उनके चालक आरक्षक अमित सिंह बघेल को 10500 रूपये रिश्वत लेते हुये पकड़ा गया है। घूंसखोरो के विरुद्ध आर्दश नगर बरा निवासी नवल किशोर रजक पिता गोमती प्रसाद रजक ने लोकायुक्त कार्यालय में शिकायत दर्ज करवाई थी। रिश्वत के साथ पकड़े गये सूबेदार सहित आरक्षक के विरुद्ध भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत कार्रवाही की जा रही है।

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चेंकिग के दौरान कूलर से लोड़ पकड़़ी थी पिकअप

एसपी लोकायुक्त ने बताया कि यातायात पुलिस द्वारा 24 मार्च को सिरमौर चौराहा में वाहन चेकिंग के दौरान पिकअप वाहन को पकड़ा था। जिसमें कूलर लोड होकर रीवा से सीधी जिले के मझौली जा रहा था। सूबेदार सहित उनके वाहन का चालक कूलर से लोड पिकअप वाहन को यातायात थाना में लाकर खड़ी कर दिया और सौदेबाजी करने लगे। सौदेबाजी 10500 सौ रूपये में तय हुई। मंगलवार के दिन यातायात थाना प्रभारी सिविल लाइन थाना के सामने वाहन चेकिंग कर रहे थे। तभी फरियादी को फोन आया और पैसे पहुंचाये जाने की बात रखी। सूबेदार फरियादी को सिविल लाइन थाना के सामने बुला लिये और वही अपने वाहन चालक आरक्षक के हाथों पैसे देने की बात की। जैसे ही फरियादी ने पैसे थमाये वैसे ही भीड़ में घुसी लोकायुक्त की टीम ने आरक्षक सहित सूबेदार को दबोच लिया। लोकायुक्त एसपी ने बताया कि उक्त कार्यवाही में निरीक्षक जियाउल हक, डीएसपी प्रवीण सिंह परिहार सहित पांच सदस्यी टीम शामिल रही।

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एक साल में 20 पुलिसकर्मी फंसे लोकायुक्त के फंदे में सर्वाधिक रहे रीवा के

एसपी लोकायुक्त गोपाल धाकड़ ने बताया कि उनके एक वर्ष के कार्यकाल में 20 पुलिसकर्मियों को रिश्वत लेते हुये पकड़ा गया। जिसमें सर्वाधिक रीवा के पुलिसकर्मी हैं। उन्होने बताया कि रीवा में 7 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये है। जिसमें टीआई से लेकर आरक्षक तक शामिल है। गोविंदगढ़ में एक नहीं दो बार पुलिसकर्मियों को घूंसखोरी में पकड़ा। रीवा के अलावा सिंगरौली, सीधी, सतना, शहडोल, उमरिया में भी पुलिसकर्मियों को घूंस लेते हुये पकड़ा गया। 

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