Wednesday, 21 August 2024

Rewa News: आरक्षण के समर्थन में बसपा कार्यकर्ताओं ने भरी हुंकार, रैली निकालकर पहुंचे कलेक्ट्रेट

रीवा. सुप्रीम कोर्ट के एससी-एसटी आरक्षण में वर्गीकरण को उचित ठहराने के फैसले के विरोध में आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति ने भारत बंद का आह्वान किया था। जिसके तहत रीवा में बसपा जिला इकाई के नेतृत्व में विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ताओं ने हुंकार भरी। रैली निकालकर कलेक्ट्रेट पहुंचे और ज्ञापन सौंपा गया। हालांकि रीवा में बंद का आंशिक असर ही रहा। प्रमुख बाजार सहित अधिकांश दुकानें खुली रहीं और बाजार का कारोबार प्रभावित नहीं हुआ।  

बसपा जिलाध्यक्ष अमित कर्नल के नेतृत्व में हजारों की संख्या में विवेकानंद पार्क में कार्यकर्ता इकट्टा हुए। इसके बाद नारेबाजी करते हुए शहर में रैली निकाली गई। रैली कॉलेज चौराहा से सिरमौर चौराहा, अमहिया, अस्पताल चौरहा, शिल्पी प्लाजा से शहर भ्रमण करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंची। जहां राष्ट्रपति के नाम संबोधित ज्ञापन कलेक्टर को सौंपा गया। इस दौरान बसपा पदाधिकारियों ने कहा कि आरक्षण के अंदर आरक्षण एवं क्रीमीलेयर की सीमा मंजूर नहीं है। इससे आरक्षित वर्गों को भविष्य में बड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा। सरकार को चाहिए कि वह लोकसभा में विधेयक लाकर उपरोक्त आदेश को रद्द करें। वहीं पंचशील उत्थान समिति के महासचिव डीएल साकेत ने बताया कि उपरोक्त आदेश से प्रभावित समाज के लोग हताहत हैं, जिससे भारत बंद का समर्थन किया है। आंदोलन में बसपा के पूर्व लोकसभा प्रत्याशी अभिषेक सिंह, विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी पंकज सिंह, पूर्व विधायक शीला त्यागी, विकास पटेल, देवेन्द्र सिंह, जेपी कुशवाहा, पप्पू कनोजिया, रामायण सकेत, विश्वनाथ पटेल चोटीवाला, बसोर समाज के अध्यक्ष प्रदीप बसोर, राजाराम बंसल, विनोद बंसल सहित बसपा, ओबीसी और अन्य विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी तथा कार्यकर्ता शामिल हुए। 


दुकानें बंद कराते रहे कार्यकर्ता

भारत बंद की जानकारी होने के बाद भी शहर के दुकानदारों ने अपनी दुकानें बंद नहीं की थी। जिससे रैली के दौरान आंदोलनकारियों ने सिरमौर चौराहा, अमहिया, समदड़िया बाजार, शिल्पी प्लाजा सहित अन्य स्थानों पर खुली दुकानों को बंद कराने का प्रयास किया। जिससे असहज स्थिति बनी लेकिन पुलिस ने तत्काल आंदोलनकारियों को समझा-बुझाकर मामला संभल लिया। वहीं पदाधिकारियों ने भी कार्यकर्ताओं से सहयोग बनाने की अपील की, जिससे रैली शांतिपूर्वक निकल गई।

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