Saturday, 11 February 2023

Congress: आखिर संगठन मंत्री ने पूर्व विधायक अभय मिश्रा को क्यों थमाई नोटिस, राजनीति के गलियारों से आ रही ये आवाज

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी और प्रदेश अध्यक्ष के  नेतृत्व में इन दिनों हाथ से हाथ जोड़ो कार्यक्रम चलाया जा रहा है। जिसमें पार्टी के आला कमानों द्वारा संगठन को दिशा निर्देश भी जारी किये गये हैं। 26 जनवरी को रीवा के आठो विधानसभा और 22 ब्लाकों में हाथ से हाथ जोड़ो कार्यक्रम शुरु हुआ। जिसमें कई ऐसे भी कांगे्रस के नेता है जो संगठन से हट कर हाथ से हाथ जोड़ो अभियान में गांव-गांव भटक रहे है। संगठन मंत्री एड. रवि तिवारी द्वारा 6 फरवरी को एक पत्र सेमरिया विधानसभा के पूर्व विधायक अभय मिश्रा को जारी कर स्पष्टीकरण मांगा जो  कांग्रेसियों के बीच चर्चा का विषय बन गया है। कांग्रेसी सूत्रों ने बताया कि यह हाल सेमरिया ही नहीं रीवा के देवतालाब और मनगवां विधानसभा क्षेत्र में चल रहा है। जहां लोग अपने टिकट की दावेदारी करते हुये संगठन से विमुख होकर हाथ से हाथ जोड़ो अभियान चला रखे हैं। ऐसा नहीं है कि इस बात की जानकारी संगठन को नहीं है लेकिन संगठन का न बोलना कहीं न कहीं 2018 के विधानसभा चुनाव की ओर इंगित करता है।

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आखिर क्या हुआ था 2018 के विधानसभा चुनाव में ?

2018 के विधानसभा चुनाव में सेमरिया के पूर्व विधायक अभय मिश्रा को कांग्रेस ने रीवा विधानसभा सीट से टिकट देकर मैदान में उतारा था। जिसमें उन्होने भाजपा के पूर्व मंत्री एंव रीवा विधायक राजेंद्र शुक्ला के दांत खट्टे कर दिये थे। यह अलग बात रही कि कांग्रेस प्रत्यासी अभय मिश्रा जीत हासिल नहीं कर सके परंतु कांग्रेस का वोट प्रतिशत जरूर बढ़ा। बताया जाता है कि हार का मुंह देखने के बाद कांग्रेस प्रत्यासी अभय मिश्रा ने 18 फरवरी 2018 को एक पत्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के नाम भेजा था। जिसमें इस बात का उल्लेख किया था कि कांग्रेस पार्टी के विचारधारा से हटकर पार्टी प्रत्यासी को हराने के वालों को पार्टी से निष्काषित किया जाये। जिसमें रीवा के लगभग आधा दर्जन से ज्यादा लोगों के नाम का उल्लेख किया गया था। कांग्रेस सूत्र बताते है कि हाथ से हाथ जोड़े अभियान में अन्य विधानसभा एंव ब्लाकों में चल रही मनमानी को नजरअंदाज कर उसी पत्र का गुबार निकाला जा रहा है। कांग्रेस सूत्र की बातों पर कितनी सच्चाई है यह तो पार्टी के लोग ही बता सकते हैं, परंतु चर्चा इस प्रकार की कांग्रेसियों के बीच जोरों से चल रही है।

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