रीवा। कांची कामकोटि पीठ के शंकराचार्य विजयेन्द्र सरस्वती का रीवा शहर पहुंचने पर स्वागत किया गया। शहर के निराला नगर स्थित सरस्वती स्कूल परिसर में उन्होंने लोगों से मुलाकात की। इस दौरान शंकराचार्य ने कहा कि आधुनिक विज्ञान और प्राचीन आध्यात्मिक ज्ञान के समन्वय के लिए गुरु और ग्रंथ परंपरा को पुन: समाज में स्थापित करने की जरूरती है। इसमें रीवा के लोग अपनी भूमिका निभाएं।
उन्होंने कहा कि विज्ञान टीवी तो बना देगा किंतु टीवी पर क्या देखना है क्या नहीं यह जानने के लिए प्राचीन ज्ञान की शरण में जाना पड़ेगा। फोन तो विज्ञान बनाकर दे देगा किन्तु इसका सही उपयोग कैसे करना है, यह समझने के लिए शास्त्रीय ज्ञान की आवश्यकता पड़ेगी। इसीलिए शास्त्रों का अध्यन, मनन और चिंतन की आवश्यकता है। शास्त्रों के अध्ययन के लिए गुरु का सान्निध्य आवश्यक है। उन्होंने कहा कि प्राचीन ज्ञान , विज्ञान, भाषा, संस्कृति के संरक्षण एवं उनके माध्यम से जगत कल्याण के लिए शास्त्रों के उच्चस्तरीय अध्यन अध्यापन के लिए व्यवस्था बनाने की जरूरत है। नई शिक्षा नीति को लेकर भी कहा कि यह उक्त बिन्दुओं पर ही आधारित है।
No comments:
Post a Comment