मध्य प्रदेश के मऊगंज जिले के हनुमना जनपद अंतर्गत बधाईयां गांव में एक शर्मनाक मामला सामने आया है, जहां कुछ प्रभावशाली ग्रामीणों ने कांटेदार तारों से रास्ता बंद कर कई परिवारों को घरों में कैद कर दिया है। इस घटना ने न केवल स्वतंत्र आवागमन के संवैधानिक अधिकार का उल्लंघन किया, बल्कि प्रशासन की निष्क्रियता को भी उजागर किया है।
ग्रामीणों का कहना है कि वार्ड नंबर नौ का रास्ता, जो 100 साल पुराना है, कुछ दबंगों द्वारा कांटेदार तारों से अवरुद्ध कर दिया गया। इससे सात-आठ परिवारों की आवाजाही ठप हो गई है। बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग खतरे में हैं। हाल ही में एक गर्भवती महिला, प्रियंका पांडे, को ऑपरेशन के बाद चारपाई पर कीचड़ भरे रास्तों से घर लाना पड़ा, क्योंकि एंबुलेंस गांव तक नहीं पहुंच सकी।इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसने जिले के सिस्टम की पोल खोल दी।
स्थानीय निवासी सुरेंद्र पांडे ने बताया कि प्रभावशाली लोग, जिनमें विजेंद्र मिश्रा और छविलाल सेन शामिल हैं, ने रास्ता बंद कर दिया और धमकी दे रहे हैं। ग्रामीणों ने तहसील, थाना और कलेक्टर कार्यालय में शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। कलेक्टर से मुलाकात के लिए पहुंचे ग्रामीणों को भी निराशा हाथ लगी। यह मामला न केवल प्रशासन, जनप्रतिनिधियों और पंचायत की विफलता को दर्शाता है, बल्कि 21वीं सदी में विकास के दावों पर भी सवाल उठाता है। ग्रामीणों ने रास्ता खुलवाने की मांग की है और चेतावनी दी है कि यदि सुनवाई नहीं हुई, तो वे आगे आंदोलन करेंगे।
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