वीरेन्द्र सिंह सेंगर बबली
रीवा। जिले में चल रहे शराब कारोबार में दगाबाजी के किस्से आये दिन सुनाई देते है। जेब में भुंजी भांग नहीं, चला मुसाफिर हीरो बनने वाली कहावत शराब कारोबार में चरितार्थ हो रही है। निष्पादन प्रक्रिया में शराब दुकान का लाईसेंस लेकर शराब कारोबारी दुकान चलाने के लिए पूंजीपतियों को ऊंचे ख्याब दिखा कर पार्टनर कर लेते है और जब दुकान पटरी पर आ जाती है तो उसी पूंजीपति पार्टनर से दगाबाजी करने में बाज नहीं आते। एक माह पूर्व छिजवार समूह के पूर्व ठेकेदार सतीश शुक्ला द्वारा पार्टनरों का 50 लाख रूपये डकारने के बाद उन पर चोरहटा थाना में चोरी की एफआईआर दर्ज करवाने का मामला सामने आया था। ऐसा ही मामला अब बरौली शराब दुकान समूह का निकल कर सामने आया है। मजे की बात तो यह है कि छिजवार समूह के पूर्व ठेकेदार का साथ चोरहटा पुलिस ने दिया तो वहीं बरौली समूह के शराब ठेकेदार का साथ गढ़ी पुलिस चौकी प्रभारी ने दिया। दोनो वर्दीधारियों की करतूत उस समय उजागर हुई जब पार्टनर बने शराब कारोबारी ठगी का शिकार होने के बाद एसपी कार्यालय पहुंचे और आपबीती सुनाई। सोहागी थाना क्षेत्र के ग्राम कोटरा खुर्द निवासी शंकर सिंह पटेल ने बताया कि बरौली शराब दुकान समूह के लाईसेंसी ठेकेदार आशीष जायसवाल ने उसके भाई दिलीप उर्र्फ बीडी पटेल के 25 लाख रूपये डकारने के साथ ही दगाबाजी को अंजाम दिया है। साथ ही आरोप लगाया है कि उसकी दगाबाजी में जनेह थाना के गढ़ी चौकी प्रभारी राहुल सोनकर ने निजी लाभ के चलते इस दगाबाजी में उसका साथ दिया है। दोनो के ही कारनामें शराब दुकान में लगे सीसीटीवी फुटेज मेंं कैद है। फुटेज निकलवा कर निष्पक्ष जांच करवा कर न्याय दिलाये जाने की मांग दिलीप उर्फ बीडी पटेल के भाई शंकर सिंह पटेल ने एसपी से की है।
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चौकी प्रभारी के साथ शराब ठेकेदार आशीष ने रची साजिश
शंकर सिंह पटेल ने बताया कि आशीष जायसवाल बरौली शराब दुकान समूह का लाईसेंसी ठेकेदार है। बात पिछले वर्ष की है दुकान चलाने के लिए पैसों की जरुरत होने पर आशीष जायसवाल और अशोक जायसवाल ने उसके भाई बीडी पटेल को अपनी दुकान में पार्टनर बताया और 25 लाख रूपये दुकान चलाने के वास्ते लिया। उसके बाद बीच-बीच में पैसा लेते रहे। साल खत्म होने पर जब हिसाब किये जाने की बात की तो घाटा बताने लगे। पैसों को लेकर दोनो के बीच तनाव की स्थिति बन गई। कारोबार के रास्ते से हटाने के लिए लाईसेंसी आशीष जायसवाल ने गढ़ी चौकी प्रभारी राहुल सोनकर के साथ मिल कर साजिश रची और उस पर ठेकेदार के पैकार लेदा निवासी शिवबहादुर सिंह के साथ ही उसके भाई बीडी पटेल पर आबकारी एक्ट की धारा 34 (2) का गढ़ी चौकी में अपराध दर्ज करवा दिया। जबकि बीडी पटेल और लेदा निवासी शिवबहादुर सिंह के बीच दूर-दूर तक कोई भी संबंध नहीं है।
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सीसीटीवी फुटेज उगल देगी राज
शंकर सिंह पटेल का कहना है कि शराब ठेकेदार आशीष जायसवाल संग अशोक जायसवाल तथा चौकी प्रभारी गढ़ी के बीत तालुकातों का राज शराब दुकान से लेकर पुलिस चौकी तक में लगे सीसीटीवी कैमरे उगल देंगे। बताया कि गढ़ी स्थित शराब दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरे की 14 मई के दिन फुटेज निकाल कर देखे। दुकान से शराब की अतिरिक्त पेटी ले जाते हुये आसानी से देखा जा सकता है। जिसे शराब ठेकेदार के गुर्गे दुकान से निकाल कर गढ़ी पुलिस चौकी ले जाते है। यह तब का वाक्या है जब गढ़ी चौकी प्रभारी राहुल सोनकर शराब ठेकेदार के गुर्गो के साथ लेदा गांव में शिव बहादुर सिंह के घर में दबिस दी और वहां 1 पेटी बियर के साथ ही आधी पेटी मदिरा प्लेन और आधी पेटी मदिरा मसाला बरामद की। जिसे 52 लीटर बनाने के लिए गढ़ी स्थित शराब दुकान से अतिरिक्त शराब मंगा कर पार्टनर रहे बीडी पटेल को आरोपी बना दिया गया।
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एसपी की धौंस का असर नहीं पुलिसकर्मियों में
रीवा में कदम रखने के पहले ही एसपी विवेक सिंह को इस बात की जानकारी लग चुकी थी कि रीवा पुलिस पैसों की पुजारी है। तत्कालीन एसपी नवनीत भसीन के कार्यकाल में लोकायुक्त के सर्वाधिक प्रकरण रीवा में बने। रीवा में आते ही एसपी विवेक सिंह ने स्पष्टरूप से कहा कि यदि कोई पैसा लेगा तो उसकी खैर नहीं। लेकिन एसपी के आदेश का असर रीवा की पुलिस पर दिखाई नहीं दिया। और आज भी पुलिस शराब कारोबारियों के हाथों की कठपुतली बनी हुई है। दो प्रकरण ऐसे निकल कर सामने आये जिसमें विदित होता है कि पुलिस ठेकेदारों से लंबी चढ़ोतरी लेकर आबकारी अधिनियम की धारा 34 (2) का दुर्पयोग कर शराब ठेकेदारों के रास्ते का कांटा निकाल दिया। पहला सेमरिया थाना के शाहपुर चौकी का तो दूसरा जनेह थाना के गढ़ी पुलिस चौकी का प्रकरण चर्चा का विषय बना हुआ है।
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