वीरेन्द्र सिंह सेंगर, बबली
रीवा. भ्रष्टाचार की गहरी नदी राजस्व विभाग को मानी गई है। जहां किसानों के खून-पसीने की कमाई बहती है। पटवारी से लेकर आला अधिकारी तक इस नदी में गोता लगाते है कोई बीच धार में डूब जाता है तो कोई किनारे लग जाता है। लोकायुक्त का यदि रिकॉड देखा जाये तो सर्वाधिक राजस्व विभाग के कर्मचारी, अधिकारी नाम निकल कर सामने आयेगा। लोकायुक्त के कोप से नईगढ़ी तहसील भी अछूता नहीं रहा। लोकायुक्त ने एक नहीं तीन पटवारियों को किसानों के खून-पसीने की कमाई चूसते हुये रंगेहाथ पकड़ा था। उन पर निलंबन की गाज भी गिरी। लेकिन राजनैतिक संरक्षण की वजह से आज भी घूंसखोर पटवारी नईगढ़ी तहसील में ही जमे हुये है और तहसील प्रभारी तथा किसानों के बीच दलाली का काम करते हैं।तथाकथित संगठन का साया घूंसखोर पटवारी ललित पर!
कुछ ऐसे भी लोग है जो संगठन या फिर समाजसेवी का मुखौटा लगा कर अनैतिक कार्यो को अंजाम देते है। नईगढ़ी में भी एक ऐसे ही संगठन की उपज हुई जो नशे का अवैध कारोबार करने वालों को संरक्षण देता है। बताया जाता है कि घूंसखोर पटवारी ललित शर्मा पर भी इसी संगठन का साया है जिसकी वजह से निलंबन होने के बावजूद भी 2021 से नईगढ़ी में ही जमे हुये है। बताया तो यह जाता है कि घूंसखोर पटवारी पर एसडीएम मऊगंज की भी कृपा बरसती है। इनके साथ ही घूंसखोर पटवारी संजय कुमार दुबे और राम नरेश रावत भी निलंबित होने के बाद भी नईगढ़ी में जमे हुये हैं।
जिम्मेदारों की जुबानी
हमारे हिसाब से तो पटवारी निलंबित है जो कार्य नहीं कर रहे। रही बात हटाने की तो वह कलेक्टर का काम है।
एपी द्विवेदी, एसडीएम मऊगंज
मुझे नाम भेजिये, मैं चेक करवाती हूँ ।
प्रतिभा पाल, कलेक्टर
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