Sunday, 3 September 2023

Rewa: शिक्षिका का शर्मनाक कारनामा, बच्चों को पढ़ाने खुद की जगह किराए पर रखा मास्साब, प्रभारी प्रधानाध्यापक भी...

रीवा. मध्यप्रदेश के रीवा जिले में सरकारी स्कूल में पदस्थ एक शिक्षिका की एक शर्मनाक करतूत सामने आई। सरकार ने उन्हें बच्चों को पढ़ाने के लिए नियुक्त किया है, लेकिन वह स्कूल से गायब रहती है। और बच्चों को पढ़ाने के लिए 1500 रुपए महीने में किराए पर एक मास्साब को रख रखा है। शनिवार को जिला शिक्षा अधिकारी गंगा प्रसाद उपाध्याय (District Education Officer Ganga Prasad Upadhyay) ने जब स्कूल का निरीक्षण किया तो यह सच्चाई सामने आई।
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बिना सूचना के विद्यालय से लापता
जानकारी के मुताबिक जिला शिक्षा अधिकारी (District Education Officer) शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय अगडाल अन्तर्गत आने वाले प्राथमिक विद्यालय खम्हरिया (Primary School Khamhariya) में निरीक्षण करने  के लिए पहुंचे तो यहां पदस्थ शिक्षिका सरिता देवी मिश्रा (Teacher Sarita Devi Mishra) बिना सूचना के विद्यालय से लापता मिलीं। बताया गया कि शिक्षिका ने स्कूल में अपनी जगह पर बच्चों को पढ़ाने के लिए किराए का मास्टर अजय सिंह बघेल को रख रखा है। जिसे वह अपनी तनख्वाह से 1500 रुपए प्रति माह भुगतान करती हैं। मनमानी का आलम यह है कि खुद स्कूल से गायब रहकर अपने से ही मास्टर नियुक्त कर लिया है।

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स्कूल में नहीं शौचालय, खुले में शौच जाने को मजबूर
डीईओ ने जब विद्यालय के आसपास रहने वाले परिजन से बातचीत की उन्होंने बताया कि मैडम कभी कभार स्कूल आती हैं। अजय सिंह ही स्कूल के बच्चों को एक साल से पढ़ा रहे हैं। विद्यालय में मनमानी का आलम यह है कि संस्था में मध्याह्न भोजन तक नहीं बनता है। सप्ताह में एक-दो दिन बाहर से बनकर आता है। स्कूल में शौचालय की व्यवस्था नहीं होने से यहां पढऩे वाले बच्चे खुले में शौच जाने को मजबूर हैं।

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प्रभारी प्रध्यानाध्यापक गायब, शिक्षिका मोबाइल में व्यस्त 
कुछ ऐसा ही हाल शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय भोलगढ़ भी रहा। डीईओ दोपहर साढ़े बारह बजे स्कूल पहुंचे। जहां पाया कि विद्यालय के प्रभारी प्रध्यानाध्यापक अतुल खरे हस्ताक्षर कर स्कूल से गायब रहे। जबकि शिक्षिका सरिता लक्षकार हस्ताक्षर करने के बाद अपने मोबाइल में व्यस्त रहीं। शिक्षकों ने विद्यालय में दैनंदनी नहीं बनाई थी और बच्चों की अभ्यास पुस्तिका भी की चेक  नहीं की जाती है। शिक्षकों की फोटो भी विद्यालय में चस्पा नहीं की गई थी। छात्र संख्या के हिसाब से मध्याह्न भोजन भी काफी कम बनाया गया था। डीईओ ने इन सभी अव्यवस्थाओं पर कार्रवाई की बात कही है।




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