रीवा। मध्य प्रदेश की बोली जाने बाली अत्यंत लोकप्रिय बघेली बोली के लोकगीतों का प्रसारण दिल्ली दूरदर्शन के राष्ट्रीय चैनल पर होगा, जो बघेली लोक संगीत के क्षेत्र में एक अभिनव पहल होगी। 16 दिसंबर को बघेली लोकगीतों की सुप्रसिद्ध लोक गायिका शीला त्रिपाठी द्वारा गाए गए बघेली लोकगीतों की रिकॉर्डिंग दूरदर्शन केंद्र नई दिल्ली में की गई। इन लोकगीतों में "हम बेर बेर बगिया ना जावे राजा" और "सावन केर बदरिया कारी" जैसे सुमधुर और लोकप्रिय गीत शामिल हैं। यह प्रसारण जल्द ही दिल्ली दूरदर्शन के राष्ट्रीय चैनल और डीडी भारती पर किया जाएगा। यह विशेष अवसर इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह विशेष अवसर है जब किसी बघेली लोक गायिका के लोकगीतों की रिकॉर्डिंग दिल्ली दूरदर्शन के राष्ट्रीय चैनल पर किया गया है। बघेली बोली के गीतों का राष्ट्रीय स्तर पर प्रसारण बघेली लोक कला को और भी व्यापक राष्ट्रीय स्तर पर मंच प्रदान करते हुए पहचान दिलाएगा ।
शीला त्रिपाठी का योगदान
शीला त्रिपाठी मध्य प्रदेश की प्रसिद्ध बघेली लोक गायिका हैं जो की आकाशवाणी भोपाल की एकमात्र पहली महिला ए-ग्रेड बघेली लोक गायिका हैं। उन्होंने न केवल मध्य प्रदेश संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित सभी प्रमुख आयोजनों में प्रस्तुति दी है, बल्की आकाशवाणी भोपाल और दूरदर्शन केंद्र मध्य प्रदेश की नियमित कलाकार भी हैं। अभी हाल ही में शीला त्रिपाठी जी के लोकगीतों का प्रसारण डीडी भारती पर भी किया गया है . त्रिपाठी ने अपनी क्षेत्रीय लोकप्रिय बघेली लोकगीतों की सांस्कृतिक परंपरा को न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर एक अलग पहचान दिलाते हुए अपने गीतों के माध्यमी बघेलखंड की सांस्कृतिक धरोहर का खूबसूरती से वर्णन किया है।
आधुनिक मंचों पर प्रस्तुति
इसके अलावा, शीला त्रिपाठी ने स्वराज एक्सप्रेस हिंदी न्यूज़ चैनल पर देवी गीतों की एक श्रृंखला भी प्रस्तुत की गई थी, जो दर्शकों के बीच बहुत लोकप्रिय रही । जिससे ये प्रतीत होता है कि वे न केवल पारंपरिक लोक गीतों को पेश करती हैं, बल्कि नवाचार करके आधुनिक संगीत को भी अपने लोकगीतों में समाहित कर उसे प्रभावी तरीके से प्रस्तुत करती हैं,
लोक संगीत की समृद्धि की दिशा में एक नया कदम
यह दिल्ली दूरदर्शन में आयोजित होने वाला यह प्रसारण बघेल खंड के परंपरागत बघेली लोकगीतों के प्रचार प्रसार के साथ नई पहचान दिलाने में मील का पत्थर साबित होगा ।लोक गायिका श्रीमती त्रिपाठी के द्वारा किए गए इस प्रयास से बघेली लोक संगीत को राष्ट्रीय स्तर पर एक नया मंच और पहचान मिलेगी जो की मध्य प्रदेश की बोली जाने वाली बघेली लोककला की धरोहर को संरक्षित और संबर्धित करेगी। देश के हर क्षेत्र में विशेष रूप से उत्तर भारत में स्थानीय बोली के लोक संगीत, का विशेष महत्व है पर उसमें बघेली लोकगीत, भारतीय संस्कृति में उत्तर भारत का अभिन्न भाग हैं, जो की लोक गायिका श्रीमती शीला त्रिपाठी के गीतों के माध्यम से प्रदेश की बघेली लोककला और संस्कृति को आगे बढ़ाते हुए पहचान दिलाने और मध्य प्रदेश की बघेली सांस्कृतिक विरासत को देशभर में प्रचारित और प्रसारित करने में मदद करेगी।
दिल्ली दूरदर्शन में राष्टीय स्तर पर प्रसारित होना वाला यह कार्यक्रम बघेली लोक संगीत को न केवल राष्टीय स्तर पर एक नया मंच प्रदान करेगा, बल्कि इससे अन्य बघेली लोक गायकों को भी अपनी कला और संस्कृति को बड़े मंचों पर प्रस्तुत कर आगे ले जाने में प्रेरणा देगा .दिल्ली दूरदर्शन पर बघेली लोकगीतों का यह राष्ट्रीय स्तर का प्रसारण मध्य प्रदेश की बघेली सांस्कृतिक विरासत की खूबसूरती को देश-विदेश में परिचित कराते हुए बघेली लोक संगीत की कला को एक अलग मंच और पहचान दिलाते हुए अन्य नए लोक गायकों के लिए प्रेरणा स्रोत बनेगा। यह गौरतलब है कि श्रीमती शीला त्रिपाठी रीवा के ग्राम कपसा के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद स्वर्गीय राम निरंजन सौहगौरा की पुत्रवधू हैं , उनके पति अनुराग त्रिपाठी वर्तमान में भोपाल में पुलिस विभाग मे कार्यरत है .
No comments
Post a Comment