9 माह गुजरने के बाद भी जिला प्रशासन को नहीं लगी भनक
जमीनी विवाद में राजस्व विभाग की अहम भूमिका होती है। न्याय की कुर्सी पर बैठे तहसीलदार से लेकर जमीनी स्तर पर काम कर रहे पटवारी विवादों की जड़ माने गये है। इनके कियेफैसले खून को खून से जुदा करवा देते हैं। जमीनी विवाद में लाठी चलने से लेकर हत्या तक के पीछे कहीं न कहीं राजस्व अमले का हाथ निकल कर सामने आता है। आश्चर्य तो तब हो गई जब निजी स्वार्थ का लाभ उठाते हुये तहसीलदार ने कलेक्टर की भूमि से कलेक्टर का ही नाम विलोपित कर दिया। मजे की बात यह है कि तहसीलदार जवा द्वारा किये इस कारनामें की भनक आज तक कलेक्टर को नहीं लगी और 9 माह गुजर गये। यह सारा खेल बर्खास्तशुदा पटवारी ददई मिश्रा और जवा तहसील में न्याय की कुर्सी पर बैठे तहसीलदार चंद्रमणि सोनी ने मिल कर खेला। जिसका परिणाम यह निकला कि सदियों से भूमि के प्रबंधक रहे कलेक्टर अपनी जमीन से हाथ धो लिये। इतना ही नहीं ददई मिश्रा और उनके परिवार के लोगों ने 4 एकड़ भूमि कर अवैध रूप से कब्जा कर लिया। कोई घर बना कर रहने लगा तो कोई खेती कर फसल का निजी लाभ ले रहा है।हनुमान मंदिर के नाम थी जमीन, कलेक्टर रहे प्रबंधक
जवा तहसील क्षेत्र के ग्राम पंचायत पैरा में प्राचीन हनुमान मंदिर है। जो स्थानीय लोगों के लिए आस्था का केंद्र बना हुआ है। पूर्व काल में मंदिर के पुजारी के नाम 4 एकड़ भूमि भी दानदाता ने दान कर दी थी। ताकि उक्त भूमि से पुजारी का भरण पोषण चलता रहे। गांव वाले बताते है कि सन 1958 में मंदिर के पुजारी रहे छोटेराम-बल्देवराम का निधन हो गया। और 4 एकड़ जमीन की लालच कर मंदिर में पुजारी की कमान बर्खास्तशुदा पटवारी ददई मिश्रा ने अपने हाथों ले ली। समय बीतता रहा ददई का परिवार बढ़ता गया। इस बीच कई तहसीलदार आये और चले गये। जैसे ही तहसील जवा की कुर्सी पर चंद्रमणि सोनी बैठे और उनके आचरण से ददई मिश्रा अवगत हुये तो उनकी बांछे खिल गई। मंदिर की चार एकड़ जमीन से प्रबंधक कलेक्टर का नाम विलोपित कर अपने परिवार के लोगों को भूस्वामी बनाने के लिए जाल बिछा डाला। जिसमें ददई मिश्रा को न्यायमूर्ति तहसीलदार ने 10 फरवरी 2022 को फैसला सुनाते हुये कलेक्टर को दरकिनार कर आराजी क्रमांक 638 रकबा 2.43 एवं आराजी क्रमांक 641 रकबा 0.86 एकड़ भूमि का स्वामी ददईराम, राजबहोर, राजकुमार, शिवकुमार पिता छोटेराम तथा वृस्पति प्रसाद, राजेश्वरी प्रसाद, संतोष कुमार, राजकिशोर पिता बलदेवराम को भू स्वामी घोषित कर दिया।
ग्रामीणों में आक्रोश, कलेक्टर से लगाई गोहार
तहसीलदार जवा चंद्रमणि सोनी का कारनामा जैसे ही उजागर हुआ तो ग्रामीण आक्रोशित हो उठे। ग्रामीणों का एक जत्था रीवा पहुंच कर कलेक्टर से तहसीलदार सहित बर्खास्तशुदा पटवारी ददईराम मिश्रा एवं अवैधरूप से बने पट्टेदारों के विरुद्ध शिकायत दर्ज करवाई। पैरा ग्राम पंचायत के पूर्व सरपंच माधव प्रसाद द्विवेदी ने बताया कि धारा 32 के तहत तहसील जवा में आवेदन दिया है। यदि वहां न्याय नहीं मिला तो वह ग्रामवासियों को न्याय दिलाने के लिए व्यवहारवाद तक जायेंगे।
शासन के निर्देश पर वारिसाना अभियान चलाया गया था। जिसमें पुजारी के बच्चों का नाम चढ़ गया है। जिसकी हम जांच कर सुधार करने का प्रयास कर रहे हैं।
चंद्रमणि सोनी, तहसीलदार जवा
No comments
Post a Comment