बुधिया फिल्म 12 नवंबर को सिनेमाघरों में देखी जा सकेगी
बघेली फिल्म बुधिया का ट्रेलर देख रीवा विधायक एवं पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ला ने फिल्म प्रसारण की हरी झंडी देते हुये फिल्म अभिनेता अविनाश तिवारी की कड़ी मेहनत और लग्र की प्रशंसा करते हुये उज्जवल भविष्य की कामना की। फिल्म निर्माता एंव अभिनेता अविनाश तिवारी ने सोमवार को शहर के एक थ्रियेटर में फिल्म बुधिया के टेलर का रिलीज किया। इस अवसर का मुख्य अतिथि के रूप में रीवा विधायक एवं पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ला के साथ ही कांग्रेस नेत्री कविता पांडेय सहित कलेक्टर मनोज पुष्प एंव एसपी नवनीत भसीन ने शिरकत की। ट्रेलर के शुभारंभ के पूर्व फिल्म निर्माता अविनाश तिवारी ने फिल्म की स्टोरी पर चर्चा करते हुये फिल्म निर्माण के दौरान आई मुसीबतों पर प्रकाश डाला। तो कलेक्टर मनोज पुष्प ने बघेली कलाकारों को प्रोत्साहित करते हुये कहा कि विंध्य की धरा में कई ऐसे स्थान है जहां फिल्मों का निर्माण किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि मेरा प्रयास रहेगा कि आने वाले समय में कलाकारों को फिल्म की शूटिंग के लिए मुम्बई नहीं जाना पड़ेगा। इस दौरान एसपी नवनीत भसीन ने कहा कि फिल्म ट्रेलर को देख जिस प्रकार से तालियों की गडग़ड़ाहाट गूंजी उससे प्रतीत होता है कि फिल्म बुधिया हिट होगी।
बुधिया का ख्याब टूटा, उतार दिया मौत के घाट
फिल्म बुधिया की कहानी गांव से जुड़ी एक किसान से है। जो मजदूरी कर अपनी पुत्री को बेहतरीन शिक्षा दिला कर कलेक्टर बनाना चाहता था। लेकिन गांव के ही दो दरिंदो को बुधिया के अरमानों पर नजर जा टिकी। और एक दिन मौका पाकर उसकी पुत्री की आबरू लूट ली। गुस्से में पागल बुधिया ने दोनो ही दरिंदो को मौत के घाट उतार दिया। 100 मिनट की फिल्म में बुधिया की भूमिका फिल्म निर्माता एवं बघेली अभिनेता अविनाश तिवारी ने अदा की। पुत्री चंदा की भूमिका में रिया तिवारी, दरिंदों की भूमिका में नवीन तिवारी और शोभित रहे। अभिनेत्री अन्नपूर्णा द्विवेदी ने चंदा की मां का रोल अदा किया। तथा मालिक की भूमिका में शैलेंद्र तिवारी सहित अन्य कलाकार रहे। बुधिया फिल्म 12 नवंबर को मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के सिनेमाघरों में देखी जा सकेगी.
रामलीला के जोकर से फिल्म निर्माता तक का सफर
एक समय था कि प्रभु की लीला देखने के लिए भीड़ उमड़ती थी। जिनके मनोरंजन के लिए रामलीला मंडली जोकर रखा करते थे। सीधी जिला निवासी बघेली फिल्म के निर्माता अविनाश तिवारी की मानें तो वह रामलीला मंडली में जोकर का रोल अदा कर दर्शकों का मनोरंजन करते थे। जोकर का रोल अदा करते-करते अविनाश ऊंचे ख्याब देखने लगे। और ऊंचाई तक पहुंचने के लिए विंध्य की बघेली भाषा को अपनी बैशाखी बनाई। पहले तो यूट्यूब का सहारा लिया जिससे बघेली भाषा की शोहरत फैल गई। बघेली भाषा की बढ़ती हुई लोकप्रियता और कलाकारों को बढ़ता हुआ आत्मविश्वास को देख अविनाश ने बघेली फिल्म बनाने की ठानी। आर्थिक रूप से मजबूत न होते हुये भी अपने सपने को साकार करने के लिए पत्नी के गहने और गाड़ी सहित अन्य कीमती समान बेच दिया। इस कार्य में उनके पिता रमेश प्रसाद तिवारी निवासी खजुरी जिला सीधी मार्गदर्शक साबित हुये और आर्थिक तंगी से जूझते हुये भी घर में रखे पांच हजार रुपये देकर हौसला बढ़ाने का काम किया। और अविनाश तिवारी मुंबई की ओर निकल पड़े। और अपनी टोली के साथ 70 दिन के कठिन परिश्रम के बाद 100 मिनट की बुधिया पिक्चर को तैयार किया। जो अब बड़े पर्दो पर धूम मचायेगी।
आर्थिक सहायता दिलाने की रखी बात
इस दौरान कांग्रेस नेत्री कविता पांडेय ने रीवा के भाजपा विधायक से फिल्म निर्माण के लिए आर्थक मदद दिलाने मी मांग की। फिल्म अभिनेता अविनाश तिवारी को बघेली फिल्म बनाये जाने के लिए आर्थिक मजबूती देने के लिए कांग्रेस नेत्री ने रीवा विधायक से कहा कि शासन सत्ता उनकी है और वह हर प्रकार से सक्षम हैं। अपितु एक पत्र लिख कर फिल्म अभिनेता एवं निर्माता अविनाश तिवारी को एक करोड़ रुपये की मदद करें। ताकि अगली फिल्म में बघेली कलाकार कर्ज के बोझ तले न दबे। देखना यह है कि कांग्रेस नेत्री की बातों का रीवा विधायक एवं पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ला पर कितना असर पड़ता है।
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