रीवा. बीते माह दिसंबर में गुढ़ समुदायिक स्वास्थ केंद्र में हुआ विवाद सुर्खियों पर रहा। स्थानीय कांग्रेसियों ने राजनैतिक द्वेष भुनाने के लिए बेनसन हेल्पिंग सोशल वेलफेयर की एनजीओ संचालिका श्लेषा शुक्ला को मोहरा बना कर भाजपा की नपा अध्यक्ष डॉ. अर्चना सिंह एवं समुदायिक स्वास्थ केंद्र गुढ़ में पदस्थ उनके पति बीएमओ डॉ. कल्याण सिंह पर जमकर राजनीति की रोटी सेंकी। स्थानीय कांग्रेसियों ने अपनी राजनीति की रोटी सेंकने के चक्कर में यह तक नहीं देखा कि विवाद की वजह आखिर क्या थी और गलती किसकी थी? स्थानीय कांग्रेसी एनजीओ संचालिका को मोहरा बना कर बीएमओ की गिरफ्तारी और नपा अध्यक्ष की बर्खास्ती की मांग कर पुलिस एंव जिला प्रशासन पर दबाब बनाने में सारी ताकत झोंक दिये। एक कहावत है कि देर है अंधेर नहीं शायद यह कहावत बीएमओ डॉ. कल्याण सिंह पर सही उतरी। आखिरकार पुलिस ने जांच के उपरांत एनजीओ संचालिका को दोषी मानते हुये संचालिका श्लेषा शुक्ला सहित उनके साथी दुर्गेश गुप्ता गुढ़, अमरजीत कुशवाहा, अतुल द्विवेदी एंव गौरव पांडेय के विरूद्ध शासकीय कार्य में बाधा डालने सहित मारपीट एंव गाली गलौज किये जाने का अपराध पंजीबद्ध कर लिया है। पुलिस सूत्र की मानें तो एनजीओ संचालिका सहित उनके सहयोगियों के विरूद्ध 20 दिसंबर को ही गुढ़ थाना के अपराध क्रमांंक 410/22 में धारा 353, 323, 294 एवं 34 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर लिया था।
बिना आदेश के गुढ़ अस्पताल गई थी एनजीओ संचालिका, बीएमओ पर झाड़ा था रूआब
घटना 13 दिसंबर की है, जिले में शासन की ओर दृष्टि बाधितों का कैंप लगाया जा रहा था। जिसमें गुढ़ समुदायिक स्वास्थ केंद्र का शासन के आदेश में कहीं भी जिक्र नहीं था और न ही शासन की ओर से एनजीओ संचालिका को कोई आदेश जारी किया गया था। उसके बावजूद भी 13 दिसंबर को एनजीओ संचालिका श्लेषा शुक्ला अपने सहयोगियों के साथ गुढ़ समुदायिक स्वास्थ केंद्र गई थी। बीएमओ डॉ. कल्याण सिंह ने घटना के संबंध में आगे बताते हुये कि अस्पताल परिसर में आते ही एनजीओ संचालिका उन पर अपना रूआब झाडऩे लगी। कोई भी सवाल पूछे जाने पर कलेक्टर की धमकी देती रही। इसी बीच एनजीओ संचालिका सहित उनके सहयोगियों ने उनके साथ मारपीट को अंजाम दिया। जिसकी लिखित शिकायत घटना के दिन ही गुढ़ थाना में उनके द्वारा की गई थी।
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