भूमि पूजन आवश्यक नहीं निर्माण कार्य को शीघ्र दे अंजाम
MP के रीवा में बीते पांच माह से नगर निगम राजनीति का अखाड़ा बना हुआ है। एक ओर जहां भाजपाई जनता के बीच अपना वर्चस्व बनाने के लिए भूमि पूजन की नौटंकी कर रहे हैं वहीं निर्माण कार्य अवरूद्ध होने पर महापौर खफा नजर आये। निगम आयुक्त को पत्र लिख कर चेताया कि एक ओर जहां भूमि पूजन की इस नौटंकी में निर्माण कार्य प्रभावित हो रहा है वहीं दूसरी ओर नगर निगम की छवि भी धूमिल हो रही है। महापौर अजय मिश्रा बाबा ने कहा कि भूमि पूजन की इस नौटंकी को बंद कर कार्यादेश जारी होने तीन दिवस के अंदर संबंधित उपयंत्री स्थल पर जाकर लेआउट देकर कार्य आरंभ करवायें साथ ही संबंधित नश्ती में अंकित कर वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित करें। इतना ही नहीं महापौर अजय मिश्रा बाबा ने अपने पत्र में लिखा है कि जनता के कार्यो में भूमि पूजन की कोई आवश्कता नहीं है स्वीकृत निर्माण कार्य गुणवत्तापूर्ण समयावधि में करवाया जाये। जिन ठेकेदारों द्वारा लेआउट के बाद भी कार्य प्रारंभ नहीं किया जाता है उनको नोटिस जारी कर अनुबंध विखंडित कर पुन: निविदा कार्रवाई की जाये।इसे भी देखें : डेढ़ करोड़ के कार्य पर जनता का श्रेय लेने निगम अध्यक्ष और महापौर के बीच मची होड़
हमने बदली प्रथा तो भाजपाईयों ने की नकल
महापौर अजय मिश्रा बाबा ने कहा कि निगम में वर्षो से भाजपाईयों का कब्जा था। अपनी जड़े जमाकर रख ली थी। जिसे शहर की जनता ने उखाड़ फेका। भाजपा के कार्यकाल में भूमि पूजन में लाखों रूपये का खर्च होता था जो जाता तो जनता की जेब से था और शोहरत भाजपाई लेते थे। उस प्रथा को हमने बंद कर दी महज एक नारियल और दो अगरबत्ती में भूमि पूजन का कार्य शुरु किया। जिसकी नकल भाजपाई करने लगे। जबकि नगर निगम के भाजपाईयों को भूमि पूजन का कोई अधिकार ही नहीं है।
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बार्डो में ठहरे पानी की निकासी को दे ध्यान
महापौर ने कहा कि वार्ड भ्रमण एंव मिली शिकायतों पर देखा गया है कि कई बार्डो में खाली पड़े स्थानों में जल भराव है। जो एक तो शहर की सुंदरता को प्रभावित करते हैं और उससे बार्डो में बीमारी फैलती है। ऐसे स्थानों पर कार्यादेश के अनुसार नाली का निर्माण करवाया जाये। कार्यादेश में सड़क का भी कार्य हो तो सड़क का कार्य कम कर नाली को पूर्णरूपेण निर्माण करवाया जाये। मूलरूप से ढ़लान की ओर पानी की निकासी की जाये। यदि स्थल इंजीनियर के स्तर पर समाधान नहीं होता तो वरिष्ठ अधिकारियों एंव महापौर से राय मशविरा लिया जाये। इतना ही नहीं महापौर ने स्पष्ट रूप से चेताया है कि संबधित अधिकारी एंव ठेकेदारों को इस बात का विशेष ध्यान रहे कि किसी भी प्रकार का कार्य दबाव में न किया जाये।
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