वीरेंद्र सिंह सेंगर बबली
रीवा। मऊगंज विधानसभा में भाजपा से चुने गये पूर्व विधायक लक्ष्मण तिवारी को एक बार फिर विधायक बनने की लालसा जाग उठी है। भाजपा से नाता टूटने के बाद आज तक वह किसी पार्टी में शामिल नहीं हुये। लेकिन अब विधायक बनने के लिए पूर्व विधायक लक्ष्मण तिवारी को पार्टी की जरुरत आ पड़ी। वैसे तो वह स्वंय अपनी स्वर्ण समाज पार्टी बनाये हुये थे। जिससे वह दो तीन बार मऊगंज विधानसभा से चुनाव भी लड़े लेकिन विधायक का ताज उनके सिर नहीं बंधा। तब जाकर वह भाजपा का दामन थाम कर मऊगंज से विधायक का ताज पहना। आज फिर उन्हे विधायक बनने के लिए किसी राजनैतिक पार्टी के दामन की तलास है। राजनैतिक सूत्र बताते है कि पूर्व विधायक लक्ष्मण तिवारी अभी तक आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी का दरवाजा खटखटा चुके है। हाल ही में कांग्रेस का दरवाजा खटखटा कर गुरुवार की सुबह भोपाल से लौटे।
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अब देखना है कहां तक होंगे कामयाब
सूत्रों की मानें तो भोपाल में कई ऐसे लोग उनके समर्थन में जुटे थे जो कांग्रेस पार्टी के खेवनहार माने जाते है और पूर्व विधायक लक्ष्मण तिवारी के करीबियों में उनकी गिनती होती है। देखना यह है कि उनकी यह चाल कहां तक कामयाब होती है। यदि हम बात सिरमौर विधानसभा की करें तो जिसे पूर्व विधायक लक्ष्मण तिवारी ने अपना चुनावी रणभूमि चुना है उस क्षेत्र में कांग्रेस के कई पुराने वफादार सिपाही विधानसभा चुनाव के टिकट के लिए दावेदारी ठोंक रहे है। जिनमें से चक्रधर सिंह, गिरीश सिंह, राज्यसभा सांदस राजमणि पटेल के पुत्र, प्रदीप सिंह पटना यदि इनको दर किनार कर कांग्रेस पार्टी पूर्व विधायक लक्ष्मण तिवारी को सिरमौर विधानसभा से चुनाव मैदान में उतारती है तो यह कहा नहीं किया जा सकता कि सिरमौर विधानसभा के कांग्रेस सिपाही और मतदाता पूर्व विधायक लक्ष्मण तिवारी को अपना नेता मानते है या फिर नहीं?
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