राज्य के सभी बड़े शहरों में हाईराइज बिल्डिंग बनाने का चलन बढ़ गया है। ऐसे में पुरानी और जर्जर हो चुकी इमारतों को तोडऩे में विवाद की स्थिति बनती है। नई नीति लागू होने से ऐसे हालातों को नियंत्रित किया जा सकेगा। नए निर्माण में सीवेज, वॉटर, ड्रेनेज नेटवर्क और पार्किंग व लिफ्ट सुविधा पर भी नए सिरे से काम हो सकेगा, जिसका लाभ यहां के लोगों को मिलेगा।
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जर्जर भवनों को तोडऩे पर सरकार देगी मुफ्त में नया आशियाना, साथ में और भी सुविधाएं
मध्य प्रदेश में नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने री-डेवलपमेंट पॉलिसी तैयार कर ली है। जिसके लागू होने के बाद प्रदेश में किसी पुरानी बिल्डिंग को तोडऩे पर इंसेंटिव दिया जाएगा। साथ ही पुराने फ्लैट के बदले में नया व बड़ा फ्लैट फ्री में या फिर थोड़े पैसे लेकर दिया जाएगा। बता दें कि इस योजना के तहत शहरी क्षेत्रों में पुराने आवासीय भवनों को तोड़कर नई बिल्डिंग बनाने के लिए इंसेंटिव का प्रावधान है। इसके तहत वे भी इमारतें शामिल होंगी, जिन्हें जर्जर घोषित किया है। खास बात यह है कि जिन क्षेत्रों में जमीन की कीमतें बहुत ज्यादा हैं, वहां रहने वाले लोगों के लिए रीडेवलपमेंट पॉलिसी से अच्छा फायदा होगा। विभाग द्वारा इस पॅलिसी का खाका तैयार कर लिया गया है, अब इसे कैबिनेट के समक्ष रखा जाएगा। कैबिनेट से मंजूरी मिलते ही इसे अमल में लाया जायेगा। फिलहाल प्रदेश में जमीनों पर पुर्ननिर्माण के लिए री-डेंसीफिकेशन पॉलिसी लागू है। निजी या विकास प्राधिकरण, हाउसिंग बोर्ड द्वारा बनाई गईं कॉलोनियां भी नई पॉलिसी के दायरे मे आएंगी।
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