मैहर विधायक के दबाव में रीवा पुलिस, एसजीएमएच में जूडा संग मारपीट मामले में की जा रही लीपापोती

Saturday, 15 October 2022

/ by BM Dwivedi

सइयां भये कोतवाल तो फिर डर काहे का..., यह कहावत शायद शासन सत्ता पर बैठे ऐसे विधायकों पर सही चरितार्थ होती है, जिनके पुत्र किसी की भी बेईज्जती करने में कोई कोताही नहीं बरतते। कई ऐसे मामले सामने आये जिसमें विधायक ही नहीं उनके पुत्रों द्वारा मारपीट किये जाने एवं गाली गलौज किया गया। लेकिन सत्ता में बैठे होने की वजह से पुलिस प्रशासन उनके विरुद्ध अपराध दर्ज करने पर सिहर उठती है। पुलिस के इस हीलावली की वजह से सत्ता में बैठे विधायक और उनके पुत्र अपने विधानसभा के बाहर भी धौंस जमाने में गुरेज नहीं करते। दो दिन पूर्व रीवा स्थित संजय गांधी अस्पताल में मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी के पुत्र ने अपने साथियों सहित जो तांडव मचाया उसे याद कर एसजीएमएच के जूनियर डॉक्टर सहित महिला स्टॉफ आज भी सिहर उठते हैं। उससे भी बड़ी बात यह है कि जो अपने कंधे पर देश भक्ति जनसेवा का तमगा लगा कर जनता की सुरक्षा के लिए कसमें खाई थी वह आज सत्ता की गुलामी करने के आगे जनता की सुरक्षा के लिए खाई गई कसमें भूल गये। यह हालात रीवा पुलिस का है। वारदात को दो दिन गुजर गये लेकिन आज तक पुलिस मैहर विधायक के पुत्र एवं भतीजे को आरोपी तक नहीं बनाई। इतना ही नहीं दर्ज हुये अपराध में डॉक्टर प्रोटेक्शन एक्ट की धारा भी बढ़ाने का साहस नहीं किया। जिसकी वजह से एसजीएमएच में जूनियर डॉक्टरों सहित स्टाफ में दहशत का माहौल निर्मित है। 

पुलिस बचा रही अपनी नौकरी, मरीजों को बचाये कौन?

सीएमएचओ डॉ. अलख प्रकाश की शिकायत पर पुलिस ने शासकीय कार्य में बाधा डालने सहित मारपीट किये जाने का अपराध अभिषेक जायसवाल एवं सागर गर्ग को नामजद करने के साथ ही अन्य अज्ञात के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध किया है। जबकि वायरल हुये वीडियो में मैहर के भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी के पुत्र विकास त्रिपाठी एवं उनके भतीजे स्पष्ट नजर आ रहे हैं। उसके बावजूद भी उनको आरोपी न बनाना कहीं न कहीं कंधे पर टंगे देश भक्ति जनसेवा के तमगे पर प्रश्नचिंह लगा रहा है। इस संबंध में जब भी थाना प्रभारी अमहिया से चर्चा करने का प्रयास किया जाता है तो वह बंगले झांकने लगते है। यहां तक की पुलिस के आला अधिकारी भी कुछ भी बोलने से कतरा रहे। ऐसा लग रहा जैसे पुलिस अपनी नौकरी बचाने का प्रयास कर रही है। यदि ऐसा है तो धरती के भगवान कहे जाने वाले जूनियर डॉक्टरों अपने आप को कैसे सुरक्षित महसूस करेंगे और जब जूडा ही सुरक्षित नहीं रहेंगे तो मरीजों की जिंदगी कौन बचायेगा?

गुजर गये दो दिन, अभी तक पुलिस ने नहीं लिया बयान

घटना 11-12 अक्टूबर के दरम्यानी रात की है। मैहर के भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी के पुत्र विकास त्रिपाठी अपने लगभग 50 साथियों के साथ घायल शंकर रजक पुत्र फूलचंद रजक का उपचार करवाने संजय गांधी अस्पताल आये। एफआईआर में इस बात का उल्लेख है कि सभी शराब के नशे में थे। जो आकस्मिक कक्ष में तैनात जूनियर डॉक्टर आशय द्विवेदी के साथ बेदम मारपीट की। इतना ही नहीं वहां ड्यूटी पर तैनात नर्स अमृता साकेत एंव वंदना पांडेय के साथ मारपीट कर अभद्रता की। जिनका उपचार एसजीएमएच में चल रहा है। आश्चर्य की बात यह है कि वारदात को चार दिन गुजर गये लेकिन पुलिस अभी तक किसी का पीडि़त जूडा सहित नर्सो का बयान तक नहीं ली।

दबाव बनाने रीवा आये थे मैहर विधायक

घटना की सुबह जंगल में लगी आग की तरह यह खबर फैली कि मैहर विधायक के पुत्र सहित भतीजे ने अपने साथियों के साथ मिलकर एसजीएमएच में जूडा सहित नर्साे एंव सुरक्षाकर्मियों के साथ मारपीट को अंजाम दिया। वैसे ही मामले को दबाने का प्रयास शुरु हो गया। सूत्र बताते हैं कि इस बात की खबर जैसे ही मैहर विधायक को लगी वह रीवा आ पहुंचे और ड्यूटी में तैनात सीएमओ से किसी भी प्रकार से विवाद को हल करने के लिए दबाव बना रहे थे। सूत्र तो यह भी बताते हैं कि उनके दबाव का प्रभाव डीन सहित सीएमओ संग मारपीट में घायल जूडा सहित नर्सो पर देखा जा रहा है।

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