रीवा. दो हजार रुपये के अल्प मानदेय पर स्वास्थ्य विभाग में अपनी सेवायें दे रहीं आशा उषा एवं आशा पर्यवेक्षकों ने वेतन बढ़ाने की मांग को लेकर क्रमिक भूखहड़ताल शुरू की थी। लेकिन सीटू के राज्यव्यापी निर्णय पर शनिवार को मुख्यमंत्री के नाम सम्बोधित ज्ञापन कलेक्टर को सौंपकर हड़ताल समाप्त कर दी गई है। इसके पहले आशा उषा कार्यकर्ताओं ने शहर में रैली भी निकाली। इस दौरान आयोजित सभा में सीटू के राज्य सचिव किशोरी वर्मा, गिरिजेश सिंह सेंगर, सौरभ मिश्रा, अमित सोहगौरा, यूनियन के जिला संयोजक विनय शंकर मुफलिश, अध्यक्ष रंजना द्विवेदी, महासचिव निर्मला सिंह, शैलजा सिंह, मंजूशा शुक्ला, नाजरीन वेगम, सुनीता गौतम, ब्लाक अध्यक्ष रायपुर कर्चुलियान निर्मला सिंह कल्चुरी, सीता सिंह, सुलोचना सिंह, आशा पाण्डेय, नीलम पाण्डेय, कविता तिवारी आदि वक्ताओं ने अपने विचार रखे। वक्ताओं ने सरकार के नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि शासकीय सेवक से ज्यादा काम लेने के बाद मामूली मानदेय देकर महिलाओं का शोषण किया जा रहा है। रैली में कमला तिवारी, सरिता द्विवेदी, प्रमिला शुक्ला, गीता पाण्डेय, कृष्णा सिंह, सविता शर्मा, सुमन त्रिपाठी, मीना मिश्रा, रजनी मिश्रा, पुष्पा शुक्ला, निशा दुवे, सुमन मिश्रा, बेबी शुक्ला, सोनी मिश्रा, विमला पटेल, माला मिश्रा, गायत्री पटेल आदि आशा कार्यकर्ता शामिल रहीं।
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