वीरेंद्र सिंह सेंगर बबली
रीवा. मऊगंज पुलिस के हाथ गांजे की बड़ी खेप लगी है। हलांकि तस्कर हाथ नहीं लगे। पुलिस को यह उपलब्धि शराब कारोबारियों के माध्यम से हाथ लगी है। जिस पर वाहवाही लुटने का प्रयास पुलिस विभाग कर रहा है। पुलिस के बताये अनुसार 35 किलो गांजा के साथ सीजी 16 बी 2718 डिजायर कार हाथ लगी है। और तस्कर भाग निकले। जिनके संबंध में पतासाजी की जा रही है। फिलहाल पुलिस ने गांजा एंव कार को अपने कब्जे में लेकर अज्ञात के विरुद्ध एनडीपीएस एक्ट के तहत अपराध पंजीबद्ध कर लिया है। वहीं दूसरी ओर शराब कारोबारियों की मानें गांजे की खेप उनके द्वारा पकड़ कर पुलिस के सुपुर्द की गई है। बताते चले कि मऊगंज स्थित शराब दुकान का ठेका उपेंद्र सिंह के नाम से है जिसकी बागडोर प्रिंस सिंह सहित अन्य के हाथों में है। सीधी की ओर से अवैध शराब की आवक रोकने के लिए शराब कारोबारी सीधी मार्ग में नाकेबंदी लगाते है। शुक्रवार की रात मऊगंज शराब ठेकेदार के गुर्गे सीधी रोड में लगे हुये थे। उसी समय सीधी से ओर से संदिग्ध हालत में आती हुई कार दिखाई दी। जिसका गुर्गो ने पीछा कर लिया। पीछा होते देख कार सवार तस्करों ने वाहन की स्पीड बढ़ा दी। कार की रफ्तार तेज होने से बहेरा डाबर मार्ग स्थित पतियारी मोड़ में अनियंत्रित हो गड्डे में जा गिरी और उछल कर वहीं बगल में लगे बांस के भीरे से जा टकराई। पीछा कर रहे शराब कारोबारी के गुर्गे मौके पर पहुंच गये। तब तक तस्कर कार से निकल कर भाग चुके थे। कार के अंदर देखा तो पीछे की सीट के नीचे भारी मात्रा में गांजे की पैकेट रखे हुये थे। जिसकी सूचना रात ही पुलिस की गस्त पार्टी को दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने गांजा सहित कार को अपने कब्जे में लेकर थाना ले आये।
खून से सनी मिली कार, गुर्गो ने लूटा गांजा
दुर्घटना ग्रस्त कार के अंदर भारी मात्रा में खून के दाग मिले है। जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि शराब कारोबारियों के पीछा करने पर तस्कर हादसे का शिकार हो गये और गंभीर रूप से घायल हो गये। आश्चर्य की बात यह है कि शराब ठेकेदार के गुर्गो सहित पुलिस ने घायल तस्करों के संबंध में पतासाजी नहीं करी कि जिंदा है या फिर दुनिया छोड़ चले। इसके इतर शराब कारोबारियों ने कार के अंदर रखे गांजा की जमकर लूट की। बताया जाता है कि लगभग एक क्विटंल गांजा कार के अंदर था जो सिमट कर 35 किलो में बदल गया। गौरतलब है कि इसके पूर्व भी शराब ठेकेदार के गुर्गो ने गांजा तस्करों का पीछा किया था। जिसमें एक तस्कर की जान भी चली गई थी और दूसरे को गंभीर हालत में उपचार के लिए एसजीएमएच लाया गया था। उस हादसे में तो आबकारी विभाग का भी नाम उच्छल कर सामने आया था। बताया गया था कि तस्करों का पीछा करने में शराब ठेकेदार के गुर्गो के साथ मऊगंज सर्किल का आबकारी अमला भी रहा है।
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