जानिये क्यों जान देने में तुला था बच्चा
अस्पताल सूत्रों ने बताया कि रतहरा निवासी बालक 5 दिनों से सुपर स्पेशलिटी की चौथी मंजिल स्थित न्यूरो वार्ड में भर्ती है। जिसका ऑपरेशन होना है। आपरेशन न होने तंग आकर मरीज चौथी मंजिल के रैंप में चढ़ गया और कूद कर आत्महत्या कर लेने की तैयारी करने लगा। अचानक वहां मौजूद यूडीएस कंपनी के सुरक्षाकर्मी की नजर जा पड़ी। सुरक्षाकर्मी ने उसे रोकने का प्रयास किया तो वह धमकाने लगा कि एक कदम भी आगे बढ़े तो वह कूद कर अपनी जान दे देगा। इस बात की जानकारी बार्ड के अंदर मौजूद नर्सों को लगी तो वह दौड़ती हुई आई और बच्चे को समझाने का प्रयास करने लगी। लेकिन मरीज अपनी जिद पर अड़ा हुआ था। सुरक्षाकर्मी ने इस बात की खबर अपने वरिष्ठ अधिकारी सीएसओ तेजपाल सिंह को दिया। सीएसओ सुनते ही सुपर वाइजर संजीव कुमार पटेल के साथ मौके पर पहुंचे। बच्चे को समझाने का बहुत प्रयास किया लेकिन वह अपनी जिद पर अड़ा हुआ था। सीएसओ किसी कदर उसे अपने झांसे में लेते हुये उसके करीब जा पहुंचे और पलक झपकते ही बच्चे को दबोच कर वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों को सौंप दिया। जिसे वार्ड में ले जाया गया। वहां मौजूद डॉक्टरों ने नींद का इजेक्शन देकर सुला दिया। सोते समय ही बच्चे के हाथ पांव को बेड से बांध दिया गया। गनीमत रही कि यूडीएस के सुरक्षाकर्मियों की वजह से सुपर स्पेशलिटी में होने वाली बड़ी घटना टल गई।
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