रीवा. एसपी नवनीत भसीन के जाते ही रीवा में राहु-केतू की नजर लग गई। ऐसा लगता है कि जैसे एसपी नवनीत भसीन के जाते ही अपराधियों की लॉटरी खुल गई। जिधर देखो अपराधियों का ही बोलबाला है। कहीं हत्या हो रही है तो कहीं चोर ताडंव कर रहे है। यदि यह कहा जाये कि एसपी श्री भसीन के जाते ही रीवा पुलिस फ्लाप हो गई तो शायद गलत न होगा। एक माह के अंदर तीन हत्यायें हो गई और पुलिस को कातिलों का सुराग तो क्या उनके अवशेष भी हाथ नहीं लग रहे है। ऐसा लगता है जैसे कातिल जमींदोज हो गये हो। मजे की बात तो यह है कि पुलिस के हाथ से इन दिनो नशे के सौदागर भी फिस जाते है। जिनको तलासने के लिए पुलिस लकीर पीटती रह जाती है। यदि यही हाल रहा तो आने वाले विधानसभा चुनाव में रीवा पुलिस शांतिपूर्ण चुनाव कैसे करवा पायेगी यह सोच का विषय है।
अमहिया पुलिस को 48 घंटे बाद भी नहीं मिला वैभव का कातिल
अमहिया थाना क्षेत्र के अर्जुन नगर में 21 की रात वैभव सिंह की निर्दयिता पूर्वक हत्या कर दी गई। हत्या को अंजाम देने में एक लड़की सहित राजू सिंह और उसके दो साथी रहे। लड़की तो कहीं भाग न सकी जिसे पुलिस पकड़ कर अपनी सफलता श्रेय ले लिया। लेकिन हत्या को अंजाम देने वाला मुख्य आरोपी राजू सिंह बघेल अपने दो अन्य साथियों के साथ आज भी फरार है। शहर के बीचों-बीच हत्या जैसे संगीन वारदात को 48 घंटे गुजर गये अभी अमहिया पुलिस को फरार कातिलों का सुराग तक नहीं लगा।
बेटू मांझी की मौत का झलक रहा कारण, अतरैला पुलिस के नहीं लग रहा हाथ
अतरैला थाना क्षेत्र में 15 मई की रात जवा थाना अंर्तगत बाबा की बगार निवासी बिहारीलाल उर्फ बेटू मांझी पिता अच्छेलाल की निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई। कातिलों ने शव को अतरैला थाना क्षेत्र के गंज स्थित स्थानीय नदी में छुपा दिया था। जो दो दिन बाद सड़ी हुई हालत में मिला। बिहारीलाल जिसके साथ गंज तक पहुंचा था उस तक तो पुलिस पहुंच गई और यह भी लगभग स्पष्ट हो गया कि हत्या की वजह प्रेम प्रसंग है। आश्चर्य की बात यह है कि बिहारीलाल की हत्या को एक सप्ताह से ज्यादा दिन गुजर गये। लेकिन पुलिस इस बात का जबाव नहीं है कि आखिर उसका कातिल कौन है।
रहस्य बन गया मडऩा में हुई अधेड़ की हत्या का राज
मामला नईगढ़ी थाना क्षेत्र के ग्राम मडऩा का है। खेत की रखवाली कर रहे मुद्रिका कोल 63 वर्ष निवासी मडऩा की धारदार औजार से निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई। वारदात को अंजाम 6 जनवरी की रात दिया गया था। सुबह होने पर खून से लथपथ उसकी लाश मड़ई के अंदर मिली। एसडीओपी मऊगंज से लेकर थाना प्रभारी नईगढ़ी ने कातिल का सुराग लगाने में पूरी ताकत झोंक दी। पांच माह गुजर गये पुलिस के हाथ अभी तक कातिल का सुराग तक नहीं लगा। गांव ही नहीं आसपास के क्षेत्रों में इस बात को लेकर रहस्य बरकार है कि मुद्रिका कोल का कातिल आखिर कौन है।
हत्या बना एक्सीडेंट, पीएम रिपोर्ट ने खोल राज, कातिल अंधेरे में
नईगढ़ी थाना क्षेत्र में ही पंद्रह दिन पूर्व थाना क्षेत्र के ग्राम कोट निवासी उमाशंकर तिवारी की नईगढ़ी से घर लौटते समय हत्या कर दी गई। हत्या को अंजाम किसने दिया यह तो रहस्य बना हुआ है परंतु हत्या को एक्सीडेंट का रूप दे दिया गया था। परिजनों को जब आशंका हुई तो हत्या का अपराध दर्ज कर संदेही को पकडऩे के लिए रास्ते में जाम लगा दिये थे। जाम तो खुल गया परंतु हत्या किसने की इस बात का राज आज तक नहीं खुला। जबकि पीएम रिर्पोट पर डॉक्टर ने वजनदार चीज से सिर पर हमला किये जाने से मौत होने का उल्लेख किया है। पुलिस ने संदेही छोटे कोल से पूछतांछ भी की। पूछतांछ में संदेही छोटे कोल ने बताया कि रास्ते से गुजर रहे ट्रक चालक ने मारपीट कर हत्या को अंजाम दिया। हत्या ट्रक चालक ने की या फिर संदेही छोटे कोल इस बात का सुराग पुलिस के हाथ नहीं लगा।
खर्राटे मारती रही चोरहटा पुलिस, चोरों ने पवन को ला दिया सड़क मे
शहर से लेकर गांव तक लगातार चोरी की वारदात हो रही है। कहने को रात्रि गस्त भी होती है। रीवा शहर में तो डीएसपी रेंक के अधिकारी भी रात्रि गस्त में लगी पुलिस टीम को चेक करने निकलते है। डीएसपी की गस्त रजिस्टर में हाजिरी तो सब की लगती है लेकिन गस्ती पुलिस दल होता कहां है यह शोध का विषय है। पुलिस का तो नहीं फिलहाल चोर अपना काम वफादारी से करते है। जिस घर को निशाना बनाते है उसके घर में ऐसा हाथ साफ करते है कि वह सड़क पर आ जाता है। सोमवार की रात चोरहटा थाना क्षेत्र गोड़हर स्थित शारदा कालोनी में एक नही तीन घरों में चोरो ने दस्तक दी। लेकिन पवन पांडेय के घर में तो ऐसा झाडू लगाया कि वह सड़क पर आ गये। बताया गया कि पवन पांडेय घर पर ताला डाल कर अपने निज गांव गोविंदगढ़ बांसा गये थे। और यहां चोरों ने उनके घर से 65 तोला सोने के जेवरात और नगदी चुरा ले गये।
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जवा बाजार से किसने किया सर्राफा व्यापारी का अपहरण
यही हाल जवा पुलिस को भी निकल कर सामने आया है। लगभग एक सप्ताह पूर्व जवा बाजार से सर्राफा व्यापारी मोतीलाल सोनी का नकाबपोश बदमाशों ने अपहरण कर लिया। कुछ दूर ले जाकर मारपीट करने के बाद छोड़ दिये। अपहरण किसने किया इस बात की जानकारी तो पुलिस को नहीं लगी। लेकिन जवा बाजार में व्यापारियों के बीच दहशत जरुर फैल गई।
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