रीवा। सड़क, पानी और बिजली की समस्या से जूझ रही प्रदेश की जनता ने कांग्रेस को नकार दिया था। कांग्रेस की बागडोर दिग्विजय सिंह के हाथों रही। जिनको भाजपाई बंटाधार का नाम दे रखे हैं। दिग्विजय सरकार से तंग जनता ने भाजपा को प्रदेश की बागडोर सौंप दी। शुरुआती दौर पर तो भाजपा ठीक रही। प्रदेश में सड़क, पानी और बिजली जैसी समस्याओं पर सुधार तो हुआ। लेकिन लगभग 20 साल से सत्ता में बनी रही भाजपा सरकार को शायद अब गुरूर सा हो गया। उसे इस बात का गुमान हो गया कि सरकार उनकी रही रहेगी। शायद यह भूल गये हैं कि सड़क, बिजली और पानी की समस्या से जूझ रही जनता ने दिग्विजय सिंह को कुर्सी से उखाड़ फेका था। आज कांग्रेस सत्ता में आने के लिए दिग्विजय सिंह का चेहरा हटा कर कमलनाथ के चेहरे से सत्ता हासिल करना चाह रही लेकिन सत्ता की बागडोर कांग्रेस के हाथ नहीं लग रही। लेकिन जो हालात इन दिनों रीवा में चल रहे है उससे इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि आने वाले समय में सत्ता का परिवर्तन होना तय है। वैसे तो शहर की बिजली आंख-मिचौली दिन भर करती है।
लेकिन जब रात में लाइट बंद होती है तो दिग्विजय सिंह की सरकार याद दिला देती है। ऐसी ही समस्या से जूझ रही रीवा की जनता के सब्र का बांध शुक्रवार की रात टूट गया। बिजली विभाग में जब कोई सुनवाई नहीं हुई तो जनता रूख पूर्व मंत्री एवं रीवा विधायक राजेंद्र शुक्ला के घर की ओर हो गया। उपरहटी, तरहटी मोहल्ले की जनता जब रीवा विधायक के घर पहुंची तो वह रात घर के छत में टहलते हुये नजर आये। जनता ने अपनी समस्या उनको सुनाई और बताया कि बिजली विभाग में न तो कोई अधिकारी फोन उठा रहा है। रीवा विधायक ने तो उनकी समस्याऐं सुनी परंतु समस्या का निदान विद्युत विभाग ने अपने ही अंदाज में किया।
उजाले में टहल रहे थे रीवा विधायक, अंधेरे में तडफ़ रही थी जनता, देर रात पहुंच गई विधायक के घर
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