रहिये अपडेट, रीवा। वैसे तो हर कोई यही कामना करता है की थाने जाने की नौमत नहीं आये। क्योंकि अमूमन थाने में लोग फरियाद लेकर या फिर आरोपी बनकर ही पहुंचते हैं। ऐसा बहुत ही कम होता है, जब पुलिस के काम से प्रभावित होकर आम लोग थाने पहुंच कर सराहना करें। जनहित में नेक काम करने वाले अधिकारियों का ही जुड़ाव सीधे आमजन से हो जाता है। एक ऐसा ही दृश्य शुक्रवार को गोविंदगढ़ थाने में दिखा। यहां 75 वर्षीय वृद्धा थाना प्रभारी शिवा अग्रवाल से मिलने पहुंची। वह अपने साथ अमावट (आम के रस को सुखा कर बनने वाला खाद्य पदार्थ) लिए थी। थाना प्रभारी अग्रवाल ने समस्या पूछी तो बताया, कोई समस्या नहीं है। वह तो बस आपसे मिलने आई है। जो नशेड़ी सड़क पर घूमते थे और आतंक मचाते थे वह अब नहीं दिखते। इस वजह से वह काफी खुश है और बेटे के लिए अमावट लेकर आई है।
बीते कुछ सालों में बढ़ गया था अपराध
गोविंदगढ़ में पिछले कुछ साल में अपराध बढ़े थे। कारण यहां लगने वाला मछली बाजार था। सतना और रीवा के लोग यहां पहुंचते थे और आसपास के तालाबों के पास बैठकर शराबखोरी करते थे। ऐसे में आमजन को परेशानी का सामना करना पड़ता था। एक साल पहले थाना प्रभारी शिवा अग्रवाल बने तो स्थानीय लोगों ने उन्हें इस समस्या से अवगत कराया। इस पर अग्रवाल ने सख्त पुलिसिंग व लगातार गश्त से नशेड़ियों पर लगाम लगाने में कुछ सफलता हासिल कर ली। बीते कुछ माह से रात में नशेड़ी उत्पात नहीं मचाते थे। पुलिस के इसी काम से खुश होकर वृद्धा थाना पहुंची थी। दिया
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कई बार बिना मिले लौट चुकी थी बृद्धा
पुलिसकर्मी बताते हैं कि वृद्धा कई बार थाना आ चुकी है। समस्या पूछते तो थाना प्रभारी से मिलने की बात कहकर लौट जाती। हर बार हाथ में काली पॉलीथिन होती थी। शुक्रवार को पहुंची तो थाना प्रभारी नहीं थे। वृद्धा ने स्टाफ से बोला, वह आज उनसे मिलकर ही जाएगी। आधा घंटे बाद जब थाना प्रभारी पहुंचे तो हाथ जोड़कर खड़ी हो गई। बोल पड़ी- बस मिलने आई हूं।
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