रहिये अपडेट, नई दिल्ली. सरकार ने पिछले साल छोटे मोटर वाहनों में 6 एयरबैग अक्टूबर, 2023 से अनिवार्य करने का प्रस्ताव रखा था। यह कदम दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों का आंकड़ा कम करने के लिए उठाया गया था। लेकिन सरकार ने अपने ही प्रस्ताव से कदम पीछे खींच लिया है। हालांकि वाहन निर्माता कंपनियां इसके अनुपालन को अनिवार्य किए जाने के पक्ष में नहीं थीं। क्योंकि यदि 6 एयरबैग का नियम अनिवार्य किया गया तो, निर्माता कंपनियों की लगत बढ़ जाएगी। ऐसे में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Union Road Transport and Highways Minister Nitin Gadkari) ने बुधवार को कहा कि सरकार कारों में छह एयरबैग को अनिवार्य नहीं करेगी। गडकरी ने दिल्ली में एसीएम के कार्यक्रम में कहा कि इस साल की शुरुआत में नए क्रैश टेस्ट नियम लागू (crash test rules) होने के बाद सरकार कारों में 6 एयरबैग के सुरक्षा नियम को अनिवार्य नहीं करेगी। देश में कई वाहन निर्माता कारों में छह एयरबैग दे रहे हैं। कंपनियां ऐसी कारों के विज्ञापन भी दे रही हैं। उन्होंने कहा कि छह एयरबैग वाली कारों की मांग में बढ़ोतरी हुई है।
अगली सीटों के लिए एयरबैग पहले से अनिवार्य
मंत्रालय ने पिछले साल कहा था कि वाहनों को यात्रियों के लिए सुरक्षित बनाने के लिए मोटर वाहन नियमों में संशोधन किए गए। कारों की अगली सीटों के लिए एयरबैग एक अप्रेल-21 से अनिवार्य किया जा चुका है।बतादें कि कार में एयरबैग सुरक्षा की निशानी हैं। हादसे के समय एयरबैग यात्री को वाहन के ठोस हिस्सों से सीधी टक्कर से बचाने में मदद करता है। यह गुब्बारे की तरह खुलकर यात्री को टक्कर से बचाता है। जिससे गंभीर चोट नहीं लगती है।
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