रहिये अपडेट, रीवा। परेशानी और संघर्ष हर इंसान के जीवन में होती है, लेकिन उसका आत्मविश्वास और उसकी सकारात्मक सोच ही उसे सफलता के शिखर पर आसीन करता है। ऐसी ही एक कहानी है मध्य प्रदेश के रीवा जिले के आशीषाचार्य महाराज की। दरअसल आशीषाचार्य एक साधारण किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके परिवार की आय का मुख्य साधन खेती ही थी। घर की आर्थिक स्थिति भी ज्यादा ठीक नहीं थी। बचपन में पढ़ाई के साथ-साथ पिता के साथ में खेती में हाथ बटवाते थे। जब भी वे पढ़ाई से खाली होते उनके पिता उन्हें खेती के काम में लगा देते थे। उसी समय आशीषाचार्य ने ठान लिया था कि वे पढ़ाई करके कोई नौकरी हासिल करेगें।
ईश्वर ने दिखाई अलग राह
लेकिन भगवान की महिमा कुछ और ही थी। उन्होंने वृंदावन से संस्कृत, शास्त्री, आचार्य और फिर भागवताचार्य की शिक्षा ग्रहण की। उसके बाद करीब  11 साल से स्वाध्याय करते हुए आज एक सफल कथा वाचक बन गए हैं। आज उनकी गिनती अच्छे कथावाचकों में होती है। आशीषाचार्य ने यह साबित कर दिया कि कड़ी मेहनत करते हुए हर कोई सफल हो सकता है। आज वे भारत देश में भागवत कथा करने के साथ ही विदेश में भी भागवत कथा में शामिल होते हैं।  आज के दौर में युवा जहां थोड़ी सी असफलता से ही हताश हो कर बैठ जाते हैं, उनके लिए आशीषाचार्य प्रेरणास्रोत बन चुके हैं। बतादें कि आशीषाचार्य भागवत यात्रा परिवार के अध्यक्ष के रूप में भी अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा रहे हैं। 

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