रीवा. सैनिक स्कूल के निलंबित 71 बच्चों को वापस लेने की मांग को लेकर एक भूतपूर्व सैनिक 90 फिट ऊंची जर्जर पानी की टंकी पर चढ़ गए। जिससे प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए। इस दौरान प्रशासन के अधिकारी, पुलिस और पूर्व सैनिक अधिकारी समझाते रहे लेकिन वह नीचे उतरने को तैयार नहीं हुए। उनकी मांग थी कि मामूली बात पर जिस तरह से कक्षा 12वीं के 71 बच्चों को स्कूल से बाहर निकाला गया वह अमानवीय है। उनको तत्काल वापस लिया जाना चाहिए, क्योंकि 21 फरवरी से उनकी परीक्षाएं हैं।
जानकारी के अनुसार भूतपूर्व सैनिक यज्ञ प्रताप सिंह इस मामले को लेकर पहले सैनिक स्कूल प्रबंधन से मिले। जहां उनको प्रबंधन द्वारा बताया गया कि दिल्ली से आदेश आते ही बच्चों को वापस ले लिया जाएगा। इसके बाद कलेक्टर से भी मिले, लेकिन समाधान होता नहीं देख नए बस स्टैण्ड पहुंंचे और जर्जर पानी की टंकी पर चढ़ गए। जिससे वहां पर भीड़ जमा हो गई और हंगामा मच गया। इस दौरान उनको पुलिस और भूतपूर्व सैनिक अधिकारियों ने समझाने का प्रयास किया लेकिन उन्होंने दो टूक कह दिया जब तक बच्चों को वापस नहीं लिया जाएगा, नीचे नहीं उतरेंगे। इस दौरान उन्होंने प्रबंधन को हटाने की मांग भी रखी। इसके बाद जिला प्रशासन के प्रतिनिधि हुजूर तहसीलदार शिवशंकर शुक्ला मौके पर पहुंचे और पूर्व सैनिक से फोन पर बात कर समझाइश दी। साथ ही आश्वासन दिया कि बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा। जिसके बाद पूर्व सैनिक नीचे उतरे, तब कहीं जाकर प्रशासन ने राहत की सांस ली। पूर्व सैनिक ने कहा कि यह स्कूल प्रबंधन की मनमानी है। किसी बच्चे ने यदि अप्रिय कदम उठा लिया तो इसका जिम्मेदार कौन होगा।
बता दें कि सैनिक स्कूल में बच्चों के खेलते समय गेंद एक शिक्षक की कार में लग गई थी। जिससे कार का कांच टूट गया था। जिसे अनुशासनहीनता मानते हुए स्कूल प्रबंधन ने कक्षा १२वीं के सभी बच्चों को निलंबित कर दिया है। पांच दिन बाद भी बच्चों को वापस नहीं लिया गया, जबकि २१ फरवरी से उनकी परीक्षाएं शुरू हैं। ऐसे में बच्चे और उनके अभिभावक खासे परेशान हैं। बाहर के छात्रों के सामने रहने-खाने की भी समस्या है।
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