दुनिया का इकलौता शिवालय जहां दर्शन मात्र से दूर हो जाता है अकाल मृत्य का भय

Monday, 8 August 2022

/ by BM Dwivedi

मध्यप्रदेश के रीवा जिले में स्थित है भगवान महामृत्युंजय का मंदिर

भगवान भोले नाथ के कई रूप हैं, उन्हें में से एक रूप है महामृत्युंजय का जिनकी आराधना से हर संकट दूर हो जाता है। भगवान के इस रूप का दर्शन करना है तो आना पड़ेगा विंध्य क्षेत्र के रीवा जिले में। जी हां मध्यप्रदेश के रीवा जिले में भगवान महामृत्युंजय का मंदिर स्थित है। यह शिवालय रीवा के किला परिसर में मौजूद है। सावन में महीने में यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। पूरे महीने इस शिवालय में भक्तों का रेला रहता है। देशभर से श्रद्धालुजन यहां आते हैं और रुक कर भोलेनाथ का जाप व अनुष्ठान आदि करते हैं। 

अकाल मृत्य का दूर होता है भय

माना जाता है कि यह दुनिया का इकलौता मंदिर है जहां भोलेनाथ के महामृत्युंजय रूप के दर्शन होते हैं। यह शिवालय अकाल मृत्यु, रोग और हर विपत्ति से मुक्ति देने वाला है। सामन्य रूप से भोलेनाथ के तीन नेत्र होते हैं इसलिए उन्हें त्रिनेद्रधारी भी कहा जाता है, लेकिन यहां मौजूद शिवलिंग में तीन नहीं बल्कि एक हजार नेत्र (छिद्र) विद्यमान है। शिवलिंग का रंग सफेद है जो मौसम के अनुसार बदल जाता है। शिव पुराण के मुताबिक भगवान भोलेनाथ ने महासंजीवनी महामृत्युंजय मंत्र की उत्पत्ति की थी। इस मंत्र का जाप यहां पुजारियों के द्वारा कराया जाता है।


मंदिर का पौराणिक महत्व

बताया जाता है कि एक बार बांधवगढ़ से राजा शिकार के लिए आए थे। इस दौरान राजा ने देखा कि एक शेर चीतल को खदेड़ रहा है। जब वह मंदिर के समीप आया तो शेर चीतल का शिकार किए बिना लौट गया। राजा यह देखकर हैरान रह गए। कहते हैं कि राजा ने वहां पर खुदाई कराइ तो गर्भ गृह से महामृत्युंजय भगवान को सफेद शिवलिंग मिला। आगे चलकर महाराजा भाव सिंह ने यहां भव्य मंदिर बनवाया। रीवा रियासत के राजा सुबह-शाम यहां पूजा करते थे। प्रजा भी दर्शन को उमड़ती थी।

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