रीवा और शहडोल जिले में डेयरी विकास की अपार संभावनाएं, जानिए कैसे ले सकते हैं लाभ

Wednesday, 12 October 2022

/ by BM Dwivedi

कृषि, उद्यानिकी तथा मछली पालन योजनाओं की हुई समीक्षा

रीवा. प्रदेश के कृषि उत्पादन आयुक्त शैलेन्द्र सिंह ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से रीवा तथा शहडोल संभाग के कृषि आदान की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि रीवा तथा शहडोल संभागों में पिछले कुछ वर्षों में उद्यानिकी फसलों में शानदार वृद्धि दर्ज की गई है। साथ ही कहा कि रीवा तथा शहडोल संभाग में डेयरी के विकास की अपार संभावनाएं हैं। दुधारू पशुओं के नस्ल सुधार, मिल्क रूट एवं दुग्ध सहकारी समिति बनाने पर विशेष ध्यान देकर दूध का संकलन एवं वितरण बढ़ाया जा सकता है।

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इस दौरान उन्होंने अधिकारियों से कृषि विविधीकरण के तहत गेंहू तथा धान के स्थान पर सरसों, चना, मूंग, उड़द, अलसी तथा अन्य लाभकारी फसल लेने के लिये भी प्रेरित किया। कहा कि कृषि, पशुपालन, उद्यानिकी, मछलीपालन तथा इससे जुड़ी अन्य गतिविधियां युवाओं को रोजगार देने के तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देने में कारगर सिद्ध होंगी। बताया कि रीवा में 20 हजार लीटर क्षमता का प्लांट शुरू हो गया है। यहां दूध का संकलन बढ़ाने के लिए प्रयास करना होगा। बैठक में सभी बारहमासी तथा छहमासी तालाबों में मछलीपालन कराने पर जोर दिया गया। इस दौरान सीइओ स्वप्निल वानखेड़े, संयुक्त संचालक कृषि एसके नेताम, उपायुक्त सहकारिता अशोक शुक्ला, उप संचालक कृषि यूपी बागरी, उप संचालक पशुपालन डॉ. राजेश मिश्रा, महाप्रबंधक जिला सहकारी बैंक ज्ञानेन्द्र पाण्डेय, प्रभारी संयुक्त आयुक्त सतीश निगम तथा अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे। 

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