सद्धि सर्वार्थ और त्रिपुष्कर योग समेत कई शुभ संयोग है इस साल धनतेरस
धनतेरस पर इस साल विशेष संयोग बन रहा है। ज्योतिष के जानिकारों के अनुसार इस बार धनतेरस पर सिद्धि सर्वार्थ और त्रिपुष्कर योग सहित कई शुभ संयोग एक साथ बन रहे हैं। इस संयोग में रसोई का सामान, वाहन व गहनों आदि की खरीदारी करना बहुत ही शुभ रहेगा। हालांकि खरीदारी की शुरुआत तो 18 अक्टूबर पुष्य नक्षत्र से ही शुरू हो जाती है। बाजार में उल्लास रौनक भी खूब दिखाई देने लगती है। वहीं दीपात्सव की शुरुआत धनतेरस से हो जाती है। जिससे दीपावली पर्व की धूम प्रारंभ हो जाती है। 22 अक्टूबर को 6.02 बजे त्रयोदशी तिथि लगेगी इसके साथ ही 23 अक्टूबर की शाम 6.03 बजे तक खरीदी की जा सकती है।
ज्योतिष पं. जमदग्रि शर्मा ने बताया कि शनिवार का दिन और द्वादशी युक्त त्रयोदशी है। इसके साथ ही पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र दिवा 1.30 बजे तक पश्चात उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र मिलने की वजह से इस वर्ष त्रिपुष्कर योग बन रहा है जो कि बहुत ही शुभ माना जाता है। इस शुभ अवसर पर वस्तुओं की खरीदी करना सर्वोत्तम रहेगा। इसके साथ ही शाम को मां लक्ष्मी, गणेश व कुबेरी की पूजा करना विशेष फलदायी होता है।
धनतेरस पर मां लक्ष्मी, गणेश व कुबेर के पूजन का विधान हमारे शास्त्रों में है। व्यापारियों को धन त्रयोदशी के दिन ही अपने कार्य स्थल पर स्थिर लग्न व गोधूलि बेला वृष लग्न में पूजन करें। यह मुहूर्त शाम 6.44 से लेकर 8.41 तक व रात्रि काल सिंह लग्न रात्रि 1.12 से 03.26 बजे तक रहेगा। इस लग्न में मां लक्षमी, गणेश व कुबेर जी का पूजन करें, ऐसा करने से सालभर व्यापार में बढ़ोतरी होगी।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार धनतेरस के दिन धातुओं से संबंधित सामान ही खरीदना चाहिए। हर वर्ग के लिए अलग-अलग सामान खरीदने का विधान है। इस दिन महिलाओं को आभूषण खरीदने चाहिए। युवा एवं विद्यार्थियों को धनतेरस पर काले रंग की कलम और एक कॉपी अवश्य लेना चाहिए।
किस मुहूर्त में क्या करें खरीदी
22 अक्टूबर के दिन धनतेरस स्पर्श, त्रिपुष्कर योग बन रहा है इस दिन पूजन सामग्री, सोने-चांदी के आभूषण खरीदना उत्तम होगा।
23 अक्टूबर के दिन धनतेरस में रसोई के बर्तन, कुर्सी, मेज, कलश, आभूषण व वाहन के साथ जमीन, मकान खरीदना बेहतर होगा।
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