भाजपा के झुग्गी झोपड़ी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष ने बयां किया अपना दर्द
रीवा. जब से होश संभाला तब से भाजपा का ही दामन थाम कर चला। भाजपा के लिए कभी दरी बिछाई तो कभी हाथ में झंडा लेकर आगे-आगे चला। जो कभी बहुजन समाज पार्टी के हुआ करते थे उन दलित एवं ओबीसी समाज को भाजपा में जोडऩे के लिए अहम काम किया। यही वजह है कि आज आठो विधानसभा में दलितों और ओबीसी समाज की दम पर भाजपा मजबूती में है। लेकिन भाजपा ने जो दिया तो चाटुकारों को दिया उनको एहमियत नहीं दी जिन्होंने पार्टी के लिए जी जान लगा दिया। यह कहना भाजपा के झुग्गी झोपड़ी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष नागेंद्र सिंह कर्चुली का है। उन्होंने बताया कि पार्टी द्वारा उनको 200‡3 में झुग्गी झोपड़ी का कोषाध्यक्ष बनाया गया था और 2006 से 2022 तक वह अध्यक्ष पद पर रहे। नागेंद्र सिंह कर्चुरी ने अपना दर्द बयां करते हुये कहा कि पार्टी में चाटुकारों को जगह है काम करने वालों को नहीं। प्रदेश में कार्यकारिणी का गठन हुआ जिसमें उनको नजर अंदाज कर दिया गया।इसे भी दखें:विद्युत कंपनी की लापरवाही से किसान की मौत, थाना का किया घेराव, हाइवे में लगाया जाम
10 हजार लोग बसपा से भाजपा में जुड़े
उन्होंने बताया कि वर्ष 2014-15 में पार्टी को मजबूत बनाये जाने के लिए दलित, आदिवासियों एवं पिछड़े वर्ग को जोडऩे एवं शासन की योजनाओं को उन तक पहुंचाने की मुहिम छेड़ रखी थी। जिसका परिणाम यह हुआ कि 10 हजार लोग बहुजन समाज पार्टी को छोड़ कर भाजपा में जुड़े। इस बात की जानकारी जब भोपाल में बैठे भाजपा के शीर्ष नेताओं को लगी तो तत्कालीन प्रदेशाध्यक्ष नंद कुमार सिंह चौहान द्वारा उनको सम्मानित किया गया था। भाजपा की उपेक्षा का शिकार हुये नागेंद्र सिंह कर्चुली ने बताया कि पार्टी द्वारा नये कार्य की शुरुआत किये जाने के पूर्व कन्या पूजन की परंपरा उनके द्वारा शुरु की गई थी। इतना ही नहीं 2011 में त्योथर विधानसभा के बडग़ांव में समरसता भोज में सर्वाधिक भीड़ जुटाने में उनको विशेष योगदान रहा। नागेंद्र सिंह कर्चुली ने कहा कि पार्टी के लिए वह हमेशा ही समर्पित रहे परंतु पार्टी ने उनको नजर अंदाज कर दिया। पार्टी को सबक सिखाने के लिए वह वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी से सेमरिया विधानसभा के चुनावी मैदान में अपनी ताकत दिखायेंगे।
No comments
Post a Comment