फिल्म के जरिये कंडोम के उपयोग और यौन शिक्षा के प्रति किया जा रहा जागरूक
भारत सरकार जनसंख्या पर काबू पाने के लिए तमाम तरह के जतन कर रही है। लेकिन इन सब के बावजूद सार्थक परिणाम नहीं मिल रहे हैं। जिसके चलते 2023 में भारत अधिकृत रूप से दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाला देश बन जाएगा। कुछ ऐेसे ही मुद्दों को लेकर छतरीवाली फिल्म बनाई गई है। जिसमें मुख्य भूमिका में है रकुल प्रीत सिंह। इस फिल्म के जरिये गर्भनिरोधकों को लेकर भारत के लोगों में फैली हुई भ्रांतियों को दूर करने की कोशिश की जा रही है। साथ ही नई पीढ़ी को यौन शिक्षा देेने की वकालत भी की जा रही है। क्यों कि यदि इन दोनों मुद्दों को अनदेखा किया गया तो आगामी कुछ सालों में भारत की जनसंख्या विस्फोटक स्थिति में पहुंच जायेगी। इन्ही दोनों मुद्दों को साथ-साथ लेकर चलते हुये इस फिल्म के जरिये लोगों को जगरूक करने की कोशिश की जा रही है। फिल्म के सभी किरदारों ने बखूबी अभिनय करते हुये रकुल प्रती का पूरा साथ दिया है। और पूरी सादगी के साथ इस गंभीर मुद्दे को उठाया है।ये है फिल्म की स्टोरी
हरियाणा के करनाल शहर से कहानी की शुरुआत होती है। यहां पर एक पढ़ी-लिखी और खूबसूरत लड़की है सान्या ढींगरा (रकुल प्रीत सिंह) रहती है, जिसके घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। सान्या को नौकरी की तलाश है। फिलहाल वो बच्चों को साइंस का ट्यूशन पढ़ा कर घर चलाती है। मां की खराब आदतों से भी वह परेशान रहती है, क्यों कि उसकी मां वो मोहल्ले के लड़कों के साथ जुआ-सट्टा खेलती है। वहीं कुछ वक्त बाद सान्या को एक कंडोम बनाने वाली एक कंपनी में काम मिल जाता है। इसी दौरान उसकी मुलाकात ऋषि (सुमित व्यास) से होती है, जो कि उसी शहर में पूजा-पाठ की सामग्री बेचने की दुकान चलाता है। धीरे-धीरे दोनों में प्यार हो जाता है और फिर शादी भी हो जाती है। अब फिल्म की कहानी सान्या के ससुराल के आसपास ही घूमती है। ऋषि के एक बड़े भाई हैं, जिन्हें सभी भाई जी (राजेश तैलंग) के नाम से पुकारते हैं। वो पढ़े-लिखें हैं और बायलॉजी टीजर भी हैं, लेकिन उनकी सोच बिल्कुल ही दकियानूसी। जिसके चलते उनकी पत्नी का चार बार गर्भपात हो चुका होता है। नतीजनत वह हमेशा ही बीमार रहती है। सान्या की जेठानी का फिर से गर्भपात होता है, तब सान्या को सानी बात पता चलती है, उसके बाद से सान्या और उसके जेठ यानी भाई जी आमने-सामने आ जाते हैं। यहीं से शुरू हो जाती है एक मुहिम। सान्या स्कूल के बच्चों से लेकर मोहल्ले की औरतों तक को अपने साथ कर लेती है । और बस के साथ मिल कर बड़ों को लिए कंडोम का उपयोग और बच्चों के लिए यौन शिक्षा देने की जरूरत के प्रति लोगों को जागरूक करती है।
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