MP News: छग का मशहूर शराब कारोबारी मंजीत सिंह गुंबर का नाम काली सूची में हुआ शामिल, मुखौटा बदल कर ले रहा था रीवा जिले में ठेका

Saturday, 25 February 2023

/ by BM Dwivedi

आबकारी विभाग ने किया ब्लैक लिस्टेड, 54 करोड़ से ज्यादा की निकली खिसारा की राशि 

शासन की वर्ष 2023-24 की आबकारी नीति आ गई। शराब कारोबारी लाईसेंस लेने की तैयारी में जुट गये। इसी बीच प्रभारी जिला सहायक आबकारी आयुक्त अनिल जैन ने छग के मशहूर शराब ठेकेदार मंजीत सिंह गुंबर सहित एक दर्जन से ज्यादा शराब कारोबारियों पर गाज गिरा दी। हालात यह हो गये कि मशहूर ठेकेदार मंजीत सिंह गुंबर वर्ष 2023-24 के निष्पादन प्रक्रिया में शामिल नहीं हो सकते। इतना ही नहीं जिला सहायक आबकारी आयुक्त अनिल जैन के लपेटे में मंजीत सिंह गुंबर के साथ ही सतना, इंदौर, दतिया सहित अन्य जिलों के शराब कारोबारी भी लपेटे में आ गये। मजे की बात तो यह है कि इस कार्रवाई में रीवा जिले के नामी गिरामी लोगों का भी चेहरा सामने आ गया जो पर्दे के पीछे शराब कारोबार में लिप्त रहे। इस संबंध में प्रभारी जिला सहायक आबकारी आयुक्त अनिल जैन ने बताया कि मंजीत सिंह गुंबर पर वर्ष 2022-23 में 2 करोड़ 67 लाख रुपये से ऊपर का खिसारा निकाला गया है। इसके साथ ही मंजीत सिंह गुंबर के पुत्र रवीश सिंह गुंबर सहित अन्य पर वर्ष 2020-21 में 51 करोड़ 38 लाख रुपये से ऊपर खिसारा निकाला गया था। उक्त राशि जनवरी 23 तक नहीं जमा कर पाने से उनको ब्लैक लिस्टेड घोषित कर दिया। साथ ही इस बात की जानकारी आबकारी आयुक्त मप्र ग्वालियर सहित अन्य अधिकारियों को दे दी गई है।

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दो साल से रीवा जिले में मुखौटा बदल कर ले रहा ठेका

आबकारी विभाग की मानें तो छग के मशहूर शराब कारोबारी मंजीत सिंह गुंबर ने रीवा की धरती पर वर्ष 2020-21 में अपने कदम रख दिये थे। जब एकल ठेका होता था। मेंसर्स गोपाल एसोसिएटस के नाम पर जिले की शराब दुकानों को ठेका लगभग 261 करोड़ रुपये में लिया था। परंतु कोरोना काल की वजह दुकानें बंद होने पर दो माह में अपने हाथ खींच लिये। जिसका फायदा उठाते हुये पूर्व विधायक ने उदित इंन्फ्रावल्र्ड फर्म के नाम पर 280 दिन के लिए लगभग 151 करोड़ रूपये में जिले की शराब दुकानों का ठेका ले लिया था। बीच मझदार में ठेका छोडऩे पर आबकारी विभाग ने खिसारा निकालते हुये मेसर्स गोपाल एसोसिएटस को खिसारे की राशि 51 करोड़, 38 लाख, 31 हजार, 284 रूपये जमा किये जाने की नोटिस थमा दी थी। उक्त राशि तो जमा नहीं की अपितु वर्ष 2022-23 में फुटकर दुकानों की नीलामी प्रक्रिया में मुखौटा बदल कर मंजीत सिंह गुंबर ने मेसर्स एबीसी इंटरप्राईजेज के नाम पर सेमरिया सहित मऊगंज समूह की शराब दुकानें हासिल कर ली थी। परंतु उनको भी नहीं चला पाये और बीच में दुकानें छोड़ दी। जिस पर आबकारी विभाग ने 2 करोड़, 67 लाख, 5007 रूपये का खिसारा निकालते हुये राशि जमा किये जाने का फरमान जारी कर दिया था। मंजीत सिंह गुंबर ने उक्त फरमान को भी नजर अंदाज कर मुखौटा बदलते हुये मेंसर्स घनश्याम ट्रेडर्स के नाम पर मनगवंा और गोविंदगढ़ शराब दुकान समूह का लाईसेंस हासिल कर लिया।

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हम तो डूबेंगे सनम साथ तुमको भी लेकर डूबेंगे

ऐसा ही कुछ छग बिलासपुर जिले के वार्ड नंबर 26 नारियल कोठी दयालबंद के रहने वाले मशहूर शराब कारोबारी मंजीत सिंह गुंबर का हाल रहा है। रीवा में मेसर्स गोपाल एसोसिएटस का जब मुखौटा लगाया तो उसमें नामी शराब कारोबारी बांदा कंपनी के पिंटू सिंह उर्फ विक्रम सिंह पिता घनश्याम सिंह हाल भरहुत नगर सतना को भी ब्लैक लिस्ट की सूची में शामिल कर दिया। इतना ही नहीं अपने पुत्र रवीश सिंह गुंबर के साथ छग के महेंद्र छावड़ा, गोपालदास मानिकपुरी, निकुज शिवहरे इंदौर, श्रीमती मीरा शिवहरे दतिया, अरविंद कुमार सिंह दुर्ग छग और रीवा के पर्दे के पीछे शराब कारोबार से जुड़े कांग्रेस नेता स्व. रज्जी जान के पुत्र रोहन जान, अभिषेक सिंह बघेल पिता इंद्रजीत सिंह तथा रवि प्रकाश पिता राघुवेंद्र सिंह को भी ब्लैक लिस्टेड करते हुये शासन की कर्जदारों की सूची में शामिल कर लिया। इसी प्रकार मेसर्स एबीसी इंटर प्राईजेज का मुखौटा लगा कर स्वंय मंजीत सिंह गुंबर अपने साथी सुमित सिंह निवासी नेहरुनगर छग को भी ले डूबा। 

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