रीवा. विधानसभा रीवा से कांग्रेस पार्टी के कई कद्दावर नेता टिकट की मांग कर रहे है, जो लाजिमी है। लेकिन आज पत्रकारवार्ता में कांग्रेस नेता डॉ. मुजीब खान ने कांग्रेस पार्टी के इतिहास के पन्ने को जो पलटा तो उससे अल्पसंख्यको का दर्द निकल कर बाहर आ गया। डॉ. मुजीब खान ने कहा कि सन 2013 के बाद से कांग्रेस ने विंध्य क्षेत्र में एक भी अल्पसंख्यक को टिकट नहीं दिया। जिससे कांग्रेस को राजनीतिक नुकसान उठाना पड़ा है। मुझे जब कांग्रेस से टिकट मिला था उस वक्त कांग्रेस विंध्य की 30 सीटों में आधी सीट जीती थी। इसके बाद एक भी अल्पसंख्यक को प्रत्याशी नहीं बनाये जाने से विंध्य में कांग्रेस को भारी नुकसान हुआ। सिर्फ चार सीट ही कांग्रेस को मिली। उन्होने कहा कि अल्पसंख्यक भी चाहता कि उनका प्रतिनिधि कोई करे और पार्टी किसी को वोट दे।
मुसलमानों को अलग करने से कमजोर हुई कांग्रेस
डॉ. मुजीब खान उन्होने कहा कि संभागीय मुख्यालय रीवा में अल्पसंख्यक वोटर कांग्रेस की जीत का सबसे बड़ा फैक्टर है, इस बात को कांग्रेस के हाई कमान भी मानते हैं। इस दृष्टि से में रीवा कांग्रेस से सबसे मजबूत और बड़ा दावेदार हूं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की बुनियाद मुसलमानों ने डाली है और जब से कांग्रेस ने मुसलमानों को अलग करने लगी तब से कांग्रेस कमजोर होने लगा। उन्होने मीडिया के माध्यम से कहा कि मुसलमान रहेंगे तो कांग्रेस रहेगी और कांग्रेस रहेगी तो मुसलमान रहेंगे। कांग्रेस पार्टी हमारी भी है और पार्टी में अपना भी हक बनता है। कहते है कि मुसलमान चुनाव न लड़े ये कहां की बात है। हाल ही में हुये नगरीय चुनाव में कांग्रेस महापौर प्रत्याशी को जिताने के लिए सारे अल्पसंख्यक लगे थे बड़े, बुढ़े, जवान सभी अपने अपनी पसीने बहाये और कांग्रेस के पक्ष में बोट डलावाये और कांग्रेस को जीत दिलवाई। आज यह हालत हो गई कि लोग कहते है कि मुसलमान चुनाव न लड़े ये कौन सी बात है। डॉ. मुजीब खान ने कहा कि पार्टी हमारी भी है, हम भी पार्टी में पदाधिकारी के पद है, मेरा भी हक बनता है चुनाव लडऩे के लिए, अब मेरे राजनीति का अंतिम पड़ाव आने वाला है, हम अपने अल्पसंख्यक समाज को जगाने का काम करेंगे। ताकि आगे चल कर अल्पसंख्यक समाज के लोगों को भी पार्टी टिकट देकर मैदान में उतारे। रही बात मेरी तो हम ताल-सीना ठोक कर कहते है कि हम चुनाव लड़ेगे।
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