वीरेंद्र सिंह सेंगर, बबली
रीवा। साल भर घाटे का सौदा बता कर घडिय़ाली आंसू बहाने वाले शराब ठेकेदार शासन द्वारा दस प्रतिशत बढ़ाने के साथ ही आहाता बंद किये जाने की वर्ष 23-24 की आबकारी नीति आने के बाद भी अपनी-अपनी कमर कस ली। कुछ समूहों को छोड़ कर शेष शराब दुकान समूह के ठेकेदार यथावत मैदान में डटे रहेंगे, या यूं कहा जाये कि जिले की नब्बे प्रतिशत शराब दुकानों के लाईसेंसों का नवीनीकरण हो जायेगा तो शायद गलत न होगा। जिला आबकारी कार्यालय में लाईसेंस रिन्यूअल किये जाने के फार्म खरीदी की होड़ सी लगी हुई है। मिली जानकारी के अनुसार गुरुवार की दोपहर तक लगभग 50 प्रतिशत शराब दुकानों के लाईसेंस रिन्यूअल किये जाने के फार्म बिक चुके है। शासन की ओर से शुक्रवार की शाम तक अंतिम तिथि निर्धारित की गई है। उसके बाद लॉटरी प्रक्रिया शुरु होगी। यदि हम आबकारी सूत्रों की मानें तो जिले के 27 शराब दुकान समूहों में से 11 शराब दुकान समूह पर लॉटरी लगाये जाने की संभावना है। बताते चले कि वर्ष 2022-23 में जिले की 77 शराब दुकानों को ठेका 3139375148 रूपये में हुआ था। वर्ष 2023-24 में शासन द्वारा दस प्रतिशत की बढ़ोतरी किये जाने पर जिले की 77 शराब दुकानों की कीमत 3449392799 रूपये पहुंच गई। वर्ष 2022-23 में जिले की शराब दुकाने लेने वाले ठेकेदार साल भर घाटे का सौदा पाये जाने का गोहार लगाते रहे। परंतु जैसे ही नई नीति आई और दस प्रतिशत की राशि बढ़ा कर 77 दुकानों की कीमत 3449392799 रूपये पहुंची शराब ठेकेदार फिर से अपने आंसू पोछते हुये तैयार हो गये।
इन दुकानों पर पड़ेगी लॉटरी
मिली जानकारी के अनुसार घाटे का सौदा मानते हुये जिले के लगभग 11 समूहों के ठेकेदार लाईसेंस के नवीनीकरण करवाये जाने से पीछे हट रहे है। जो लॉटरी प्रक्रिया में ऐसे शराब ठेकेदारों के हाथों लग जायेगी जो पड़ोस में रहते हुये बगुले की भांति टकटकी लगाये बैठे हैं।
समान नाका समूह के पार्टनरों में चल रहा घमासान
यदि हम सूत्रों की माने तो समान नाका समूह में आपसी लेन देन को लेकर पार्टनरों के बीच घमासान चल रहा है। जिसकी वजह से समान नाका समूह शराब दुकान का लाईसेंस नवीनीकरण के लिए अधर पर लटका हुआ है। एक ओर जहां शामिल ठेकेदार मुख्य ठेकेदार से खफा होकर अपना अलग कारोबार करने की सोच रहे वहीं मुख्य ठेकेदार अपने पार्टनरों को मनाने पटाने में लगे हुये है। बताया तो यह भी जाता है कि आपसी तालमेल मनाने के लिए जिले की सीमा से एक ठेकेदार भी रीवा आये हुये है। यदि ठेकेदार के पार्टनरों के बीच तालमेल बन जाता है तो समान नाका की दुकानें रिन्यूअल हो जायेंगी अन्यथा लॉटरी में घात लगाये बैठे ठेकेदार के हाथ जाना बताया जा रहा है।
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