वीरेंद्र सिंह सेंगर, बबली
मध्यप्रदेश के रीवा जिले में लोक निर्माण विभाग (Public Works Department office) संभाग क्रमांक-1 में विद्रोह की ज्वाला सुलग रही है। एक ओर जहां कार्यपालन यंत्री (Executive Engineer) केके गर्ग किसी जनप्रतिनिधि की बात मानने को तैयार नहीं है तो वहीं दूसरी ओर लोनिवि के स्थाई कर्मचारी अपने खून-पसीने की मजदूरी मांगने पर अड़़े हुये है। मामला कलेक्टर के पास तक भी जा पहुंचा। कलेक्टर ने कार्यपालन यंत्री (Executive Engineer) को स्थाई श्रमिकों की समस्या हल किये जाने का निर्देश भी दिया। परंतु कार्यपालन यंत्री अपनी ही हठ पर अड़े हुये है। यहां तक की जानकारी मांगे जाने पर लोगों को गुमराह कर रहे। ये बातें आज उस वक्त स्थाई कर्मी अध्यक्ष जय प्रकाश तिवारी ने बताई जब लोनिवि संभाग कं्र 1 कार्यालय का घेराव किया। सैकड़ों की संख्या में महिला एवं पुरूष स्थाई कर्मियों ने कार्यालय का घेराव करते हुये कार्यपालन यंत्री के विरुद्ध जमकर नारेबाजी करते हुये दो माह के वेतन दिये जाने की मांग कर रहे थे। स्थाईकर्मी अध्यक्ष जय प्रकाश तिवारी, विवेक मिश्रा सहित अन्य कर्मचारियों ने बताया कि कार्यपालन यंत्री केके गर्ग ने संभाग क्रं. 1 एवं 2 में कार्यरत लगभग एक हजार से ऊपर स्थाई कर्मियों के दो माह का वेतन नहीं दिया। जिसकी वजह से परिवार के भरण-पोषण में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। यहां तक की बच्चों के विद्यालयों का अभी तक फीस नहीं जमा हुये और परिक्षायें सिर पर चढ़ गई। कई विद्यालयों में तो शिक्षक फीस के अभाव से बच्चों को परीक्षा से वंचित कर रहे है।
अंगद के पांव की तरह रीवा में जमें हैं कार्यपालन यंत्री
स्थाई कर्मियों ने कहा कि कार्यपालन यंत्री (Executive Engineer) केके गर्ग रीवा कार्यालय में अंगद की पांव की तरह जम गये। इन पर स्थानीय विधायक संरक्षण प्राप्त है। जिसकी वजह से कार्यपालन यंत्री पदोन्नत पर पदोन्नत पाते हुये इस कुर्सी तक पहुंच गये। परंतु जिले के बाहर आज तक इनका तबादला नहीं हुआ। स्थानीय विधायक का संरक्षण मिलने की वजह से कार्यपालन यंत्री केके गर्ग जिले के अन्य जन प्रतिनिधियों को अहमियत तक नहीं देते। विभाग का ऐसा कोई शाखा न होगा जहां इनके भ्रष्टाचार की जड़ें न पहुंची हो।
कार्यालय में घुसकर महिलाओं ने की अभद्रता
आंदोलनरत स्थाई कमियों ने उस वक्त अपनी सीमा लांघ दी जब कार्यालय में बैठे कार्यपालन यंत्री (Executive Engineer) के चेंबर में जा घुसी। इतना ही नही महिला कर्मचारियों का जत्था कार्यपालन यंत्री से अभद्रता पर उतर आई। गनीमत रही कि कार्यपालन यंत्री वक्त की नजाकत को समझते हुये ज्वाला बनी महिला कर्मचारियों को शीघ्र वेतन भुगतान के लिए मुख्य अभियंता भोपाल के फोन की घंटी बजाकर शांत करवाया। सूत्रों की मानें तो महिला कर्मचारियों को कार्यपालन यंत्री से अभद्रता किये जाने के लिए आंदोलनरत पुरूष श्रमिकों ने उकसाया था। गनीमत रही कि कार्यपालन यंत्री ने पीठ पीछे गंदी राजनीति करने वाले स्थाई कर्मियों के मंसूबो पर पानी फेर दिया।
पूर्व विधायक की बातों को हवा में उड़ा दिये कार्यपालन यंत्री
स्थाई कर्मी जय प्रकाश तिवारी ने बताया कि कर्मचारियों की 6 सूत्रीय मांगों को लेकर 22 फरवरी 23 को धरना-प्रदर्शन किया गया था। जिसमें मध्यस्था करने पूर्व विधायक लक्ष्मण तिवारी आये थे। पूर्व विधायक लक्ष्मण तिवारी (Former MLA Laxman Tiwari) एवं कार्यपालन यंत्री नरेंद्र पांडेय (Executive Engineer Narendra Pandey) की उपस्थिति में 6 सूत्रीय मांगों पर निराकरण कर जनवरी एवं फरवरी माह के वेतन का भुगतान करवा दिये जाने की बात पर सहमत बनी थी। साथ ही मांग रखी गई थी कि स्थाई कर्मियों का वेतन समय से भुगतान किये जाने के साथ ही अनशनकारी कर्मचारियों को वेतन न काटा जायेगा। इसके अतिरिक्त एनपीएस पासबुक का संधारण करवाया जाये, एरियर का भुगतान शीघ्र करवाया जाये, प्रत्येक माह के वेतन का बिल समय से कोषालय में लगवाया जाये, अर्जित अवकाश के संबंध में उच्चाधिकारियों से चर्चा कर निर्णय लिया जाये तथा अनुविभागीय अधिकारी उप संभाग क्रमांक 1 पर लगाये गये आरोपों की जांच कर कार्रवाही की जाये। स्थाईकर्मी अध्यक्ष जयप्रकाश तिवारी ने कहा कि कार्यपालन यंत्री ने पूर्व विधायक के सामने हुये 6 सूत्रीय समझौतों में से एक भी बातों पर अमल नहीं किया।
शीघ्र ही हो जायेगा भुगतान
कर्मचारियों के मूल वेतन का भुगतान बुधवार के दिन ही कर दिया गया है। डीए के भुगतान किये जाने की प्रक्रिया चल रही है। तकनीकी समस्याओं की वजह से डीए का भुगतान नहीं हो पा रहा है, जो शीघ्र ही हो जायेगा। कुछ महिलाओं द्वारा कार्यालय के अंदर आकर अपनी बातें ऊंची आवाज में की थी। जिसे अपने विभाग का कर्मचारी समझ कर नजरअंदाज कर दिया है।
केके गर्ग, कार्यपालनयंत्री लोनिवि संभाग क्रमांक 1
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