रीवा एसपी रहे नवनीत भसीन को रीवा की जनता ही नहीं पुलिस विभाग का हर कर्मचारी एक बेहतर पुलिसिंग के रूप में जानता था। लेकिन यह नहीं जानता था कि वर्दी की सख्ती के पीछे एक इंसानियत का भी चेहरा है। उनके कार्यकाल में एक से एक अपराधी पकड़े गये। यहां तक की कई अपराधियों को परिश्रम कर सजा तक दिलवाई। सजा देने में तो एसपी रीवा नवनीत भसीन अपने स्टाफ के लिए भी पीछे नहीं रहे। थोड़ी भी शिकायत मिलने पर कईयों को पुलिस लाइन का रास्ता दिखाया तो कईयों को निलंबित कर विभागीय जांच भी बैठाई और सिद्ध होने पर सजा देने में कोई रहम नहीं दिखाया। वहीं नेक पुलिसिंग करने वालों को भी ईनाम दिलाने में कोई कोताही नहीं बरती।
रीठी आंगनवाड़ी को ले रखा था गोद
खैर हम बात कर रहे थे वर्दी के पीछे छुपे इंसानियत की, जो खबर आज निकल कर सामने आये उससे इस कहना मुनासिब होगा कि एसपी नवनीत भसीन छुपे रूस्तम थे। उन्होंने रीवा जिले की कमान संभालते ही रीठी गांव के आंगनवाड़ी केंद्र 2 को गोद ले लिया था। समय निकाल कर एसपी भसीन आंगनवाड़ी जरुर पहुंचते और वहां के बच्चों को कुछ न कुछ स्वंय के व्यय से लेकर जाते। बच्चे उनके आने का इंतजार करते रहते कि अब कब आयेंगे और उनके लिए खेलने एवं खाने के लिए क्या लेकर आयेंगे ये सवाल बच्चों के दिमाग में हमेशा गूंजता रहता। एसपी भसीन ने आंगनवाड़ी को वह सभी चीज मुहैया करवाई जो वहां की जरुरतें थी। पद्दोनत होकर उनके जाने का अवसर आ गया। इस बात की खबर जैसे ही उनके जाने की खबर बच्चों को लगी वैसे ही उनका दिल मुरझा सा गया। जिस पर आज एसपी ने हरियाली बिखेरते हुये आंगनवाड़ी की कमान व्यापारी संघ को सौंप दी। आज व्यापारी संघ ने रीठी के आंगनवाड़ी क्रमांक 2 को गोद लेकर बच्चों के चेहरे से जाती मुस्कान वापस लौटा ली।
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