वीरेंद्र सिंह सेंगर बबली
मध्यप्रदेश के रीवा जिले की सायबर टीम का लोहा पुलिस के आला अधिकारी मानते है। यहां तक की गंभीर वारदातों का सुराग लगाने के लिए सीमावर्ती जिले की पुलिस भी सायबर प्रभारी टीआई वीरेंद्र सिंह पटेल को याद करती है। इनके रीवा कार्यकाल में कई ऐसे खुलासे हुये जो अपने आप में ही अचंभित थे। हाल ही में उनकी टीम ने दो माह पूर्व सायबर ठगी का शिकार हुये निगम आयुक्त के गनमैन एसएएफ के हवलदार हरिश्चंद तिवारी पिता रामाश्रय तिवारी निवासी चिरहुला कालोनी के आरोपी प्रदुम्न मंडल पिता कार्तिक मंडल 22 वर्ष निवासी ग्राम रामपुर थाना कर्माताड़ जिला जामतारा झारखंड को गिरफ्तार कर रीवा ले आई। आरोपी ने अपने गांव रामपुर में बैठे-बैठे निगम आयुक्त के गन मैन के खाते से 26 फरवरी को ऑन लाइन लिंक द्वारा 89 हजार रुपये उड़ा दिया था। आरोपी से चार नग मोबाइल और वारदात में उपयोग पर लाई गई सिम बरामद की है। आरोपी को पकडऩे सायबर सेल रीवा के जांबाज उप निरीक्षक शैल यादव को तत्कालीन रीवा एसपी नवनीत भसीन ने जिम्मेदारी सौंपी थी। जो आरोपी को दबोचने 30 मार्च को ही विशेष टीम के साथ निकल गये थे। जिसे दबोच कर हाल ही में रीवा लौटे। जिसे न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया। बुधवार के दिन इस बात का खुलासा नवागत पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह ने किया।
Also Read: प्रेमिका की शादी में दिया मौत का उपहार, फोहफा खोलते ही चली गई पति की जान, जानिए पूरी घटना
रीवा पुलिस की सूचना पर बालाघाट में दर्ज हुई एफआईआर
आरोपी प्रदुम्न मंडल से रीवा लाकर पुलिस ने जब पूछताछ की तो पता चला कि आरोपी निगम आयुक्त के गनमैन के अतिरिक्त बालाघाट निवासी संजय विसेन के खाते से 40 हजार और एक अन्य मनोज कुमार के खाते से 99 हजार रुपये आहरित किये थे। रीवा पुलिस ने संजय विसेन से संपर्क कर आरोपी प्रदुम्न मंडल के विरुद्ध बालाघाट कोतवाली में एफआईआर दर्ज कर दी है। पुलिस अब ठगी का शिकार हुए मनोज कुमार का पता सुराग लगा रही है।
ऐसे ठगी को देता था अंजाम, 10 रूपये के बदले उड़ा देता था लाखों
वारदात के तरीके के संबंध में पूछे जाने पर आरोपी ने बताया कि वह आन लाइन पैसे ट्रांसफर करने के पेमेंट एप जैसे फोन पे, गूगल पे, पेटीएम आदि से कोई भी मोबाइल नंबर डाल कर यह पता लगाते थे। कि शिकार उक्त नंबर पर फोन पे, गूगल पे, पेटिएम आदि का उपयोग करता है कि नहीं। यह पता हो जाने के बाद सायबर ठग उक्त मोबाइल नंबर पर फोन कर उसकी सिम बंद कर देने का झांसा देते थे। और शिकार उनके झांसे में आकर सिम न बंद करने की बात करते। तब सायबर ठग उनके मोबाइल में एनी डेस्क लिंक भेज कर डाउन लोड करवा कर मोबाइल को रिमोट पर लेकर कहते थे कि आप अपने नंबर पर 10 रूपये की रिचार्ज करें। उक्त लिंक के माध्यम से आवेदक का यूपीआई पिन प्राप्त कर उनके बैंक खाते से राशि उड़ा देते थे।
No comments
Post a Comment