वीरेंद्र सिंह सेंगर बबली
मध्यप्रदेश के सीधी जिले में पदस्थ सूबेदार भागवत पांडेय (Subedar Bhagwat Pandey) और शिकायतकर्ता महिला के बीच की परतें लगातार खुल रही है। जो नई बात निकल कर सामने आई उसमें पुलिस विभाग के आला अधिकारियों की बड़ी लापरवाही उजागर हुई है। बताया गया है कि सूबेदार भागवत पांडेय द्वारा दो साल पूर्व से अपने आला अधिकारियों को सूचित किया जा रहा था कि कि उनके पीछे एक जालसाज महिला पड़ गई है। जिसके विरुद्ध धोखाधड़ी का अपराध पंजीबद्ध किया जाये। लेकिन सीएसपी सीधी और कोतवाली टीआई की लापरवाही का ही नतीजा रहा कि आज सूबेदार बुरी तरह से फंस गये हैं।
एसपी करते रह गये जांच की बाद, इधर दर्ज हो गई एफआईआर
सूबेदार और शिकायतकर्ता महिला के बीच बीते दो साल से चूहे-बिल्ली का खेल खेला जा रहा है। सूबेदार भागवत पांडेय सीधी के सीएसपी से लेकर कोतवाली प्रभारी तक भाग दौड़ लगाई जब विभाग ने साथ नहीं दिया तो वह सपत्नीक हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाये। हाईकोर्ट ने निर्देशित किया कि सूबेदार के परिवार को सुरक्षा दिलाई जाये और महिला के विरुद्ध जांच की जाये। हाईकोर्ट का फरमान दो साल से एसपी कार्यालय सीधी के किस बंडल में बंधा रहा यह कहा नहीं जा सकता। परंतु मंगलवार को मीडिया के सवालों का जबाव देते हुये एसपी सीधी ने हाईकोर्ट के आदेश का जिक्र करते हुये कहा जांच की जा रही है। जिसकी जिम्मेदारी कुसुमी एसडीओपी रोशनी ठाकुर को दी गई है। आरोपित महिला को सम्मन भेजा जा रहा है लेकिन वह उपस्थित नहीं हो रही। जांच खत्म होने के बाद ही जो निष्कर्ष निकल कर सामने आयेगा वैसे ही कार्रवाही की जायेगी। आश्चर्य की बात यह है कि मंगलवार के दिन एक ओर एसपी सीधी मीडियो को यह जबाब देते रहे वहीं दूसरी ओर मंगलवार के ही दिन एडीजीपी के आदेश पर महिला थाना रीवा में सूबेदार के विरुद्ध पुलिस ने शिकायतकर्ता के आवेदन पर शादी का झांसा देकर दैहिक शोषण किये जाने का अपराध पंजीबद्ध कर लिया।
No comments
Post a Comment