रीवा. कलेक्टर प्रतिभा पाल ने जिले के राजस्व न्यायालयों में भारी पैमाने पर लंबित प्रकरणों पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि अब राजस्व अधिकारी पेशी न बढ़ाएं, प्रतिदिन कोर्ट में बैठकर सुनवाई करें। जिससे राजस्व प्रकरणों का निपटारा हो और पक्षकारों को भटकना नहीं पड़े। कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में कलेक्टर ने राजस्व कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि राजस्व अधिकारी अपने क्षेत्र में कानून और व्यवस्था की निगरानी के साथ पद के मूल कार्य पर ध्यान दें। जिले में बड़ी संख्या में राजस्व प्रकरण लंबित हैं। इसलिए सभी राजस्व अधिकारी सोमवार से शनिवार तक प्रतिदिन अपने कोर्ट में प्रकरणों की सुनवाई करें। अन्य कार्य होने पर भी दोपहर 3 बजे कोर्ट में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहकर प्रकरण सुने। सीमांकन, बटनवारा तथा नामांकन के प्रकरणों में पेशी बढ़ाने की परंपरा को छोड़े और विवादित अथवा अविवादित प्रकरण एक माह में निराकृत करें। बैठक में नामांतरण, बटनवारा, सीमांकन, आडिट कंडिकाओं के निराकरण तथा सीएम हेल्पलाइन प्रकरणों की निराकरण की तहसीलवार समीक्षा की गयी। कलेक्टर ने राजस्व अधिकारियों को पेयजल व्यवस्था की निगरानी, गेंहू उपार्जन तथा सीएम राइज स्कूलों के निर्माण कार्यों के निगरानी के निर्देश दिये। बैठक में अपर कलेक्टर नीलमणि अग्निहोत्री, एसडीएम हनुमना एके सिंह, प्रभाशंकर त्रिपाठी, भारती मेरावी, अनुराग तिवारी सभी तहसीलदार, नायब तहसीलदार तथा अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
लापरवाही पर होगी अनुशासनात्मक कार्रवाई
बैठक में कलेक्टर ने अल्टीमेटम दिया है कि प्रकरणों के निराकरण में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर कड़ी अनुशासत्मक कार्यावाही की जायेगी। किसी को बख्शा नहीं जाएगा, इसलिए लापरवाही नहीं करें। ध्यान रखें की सीएम हेल्पलाइन के प्रकरण छह माह से अधिक के लंबित न रहें। पटवारियों से १५ जून तक सीमांकन पूर्ण कराएं। कहा कि यदि कोई व्यक्ति आदेश के अमल के लिए आवेदन देता है तो इसे संबंधित तहसीलदार की सक्षमता पर प्रश्नचिन्ह माना जायेगा। साथ ही अवैध कब्जे हटाने के लिए कहा है।
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