6 साल पहले मऊगंज थाना क्षेत्र में किशोरी की मिली थी जली लाश
वीरेंद्र सिंह सेंगर बबली
रीवा। पुलिस महकमें में उस वक्त बड़ा हंगामा मच गया था जब एडीजीपी व्यंकटेश्वर राव ने मऊगंज थाना में पदस्थ टीआई समेत दो एएसआई की वर्दी उतरवा ली। उन पर आरोप था कि किशोरी की हुई हत्या पर लापरवाही बरतते हुये उसे मर्ग साबित कर दिया। एडीजीपी श्री राव ने पुलिस कर्मियों को बर्खास्त करते हुये डीआईजी को उक्त घटना में फिर से जांच करवाये जाने का आदेश जारी किया। गनीमत से जांच अंधी हत्या की गुत्थी सुलझाने में मजे खिलाड़ी लकी मैन कहलाये जाने वाले एसडीओपी मऊगंज नवीन दुबे को जिम्मेदारी सौंपी गई। एसडीओपी नवीन दुबे में थाना में पड़ी डायरी के पन्ने को खंगालते हुये किशोरी की हत्या से पर्दाफाश कर दिया। इतना ही नहीं आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया। हलांकि इस बात का खुलासा पुलिस ने तो नहीं किया, लेकिन सूत्रों ने बताया कि किशोरी की हत्या के आरोप में एसडीओपी मऊगंज नवीन दुबे ने नरेंद्र उर्फ बब्बू ङ्क्षसह पिता बुद्धिमान सिंह 51 वर्ष निवासी फूलकरण सिंह थाना मऊगंज को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी के विरुद्ध पुलिस दुष्कर्म किये जाने का प्रयास सहित हत्या का अपराध पंजीबद्ध कर लिया है। जिसका खुलासा पुलिस द्वारा कभी भी किया जा सकता है।
एसडीओपी ने आरोपी को पकडऩे प्रेमिका का लिया सहारा
एसडीओपी मऊगंज नवीन दुबे ने जब डायरी खंगाली तो उसमें से संदेही नरेद्र ङ्क्षसह बब्बू का नाम निकल कर सामने आया। जिसकी पुष्टि करने के लिए तीन माह पूर्व एसडीओपी मऊगंज ने पुलिस टीम के साथ फूलकरण सिंह गांव में दबिस दी। पुलिस की दबिस पड़ते ही संदेही नरेंद्र सिंह उर्फ बब्बू पुलिस को चकमा देते हुये फरार हो गया। जिसे पकडऩे के लिए एसडीओपी मऊगंज ने उसकी प्रेमिका (मृतिका की मां) का सहारा लिया। प्रेमिका द्वारा पता चला कि आरोपी सीधी जिले में अपनी बहन के घर में छुपा हुआ है। पुलिस टीम प्रेमिका को साथ लेकर आरोपी के बहन के घर सीधी जा पहुंची और प्रेमिका को ढ़ाल बना कर आरोपी को धर दबोचा।
दुष्कर्म करने पर नाकाम होने पर गला दबा कर की थी हत्या
यदि हम सूत्रों की माने तो आरोपी नरेद्र सिंह उर्फ बब्बू ने गांव की ही 17 वर्षीय किशोरी के साथ दुष्कर्म करने का प्रयास किया था। घटना छ साल पुरानी है, घटना के दिन किशोरी की मां और पिता आरोपी के घर काम करने आये हुये थे। उस दौरान किशोरी अपने घर पर अकेली थी। आरोपी शराब के नशे में किशोरी के घर जा पहुंचा और उसके साथ दुष्कर्म करने का प्रयास किया। किशोरी द्वारा विरोध किये जाने पर नाकामी देख आरोपी ने किशोरी के सीने पर लात मार दी। किशोरी के जमीन पर गिरते ही आरोपी ने गला दबा कर प्राण हर लिये। किशोरी की जान निकलने पर हत्या को आत्महत्या का रूप देने के लिए आरोपी ने उसके शरीर पर आग लगा दी थी। जिसकी वजह से वह 90 प्रतिशत जल गई थी।
विवेचकों की लापरवाही से टीआई की नौकरी लग गई थी दांव पर
किशोरी की मौत पर मऊगंज के तत्कालीन टीआई हरीश दुबे ने विवेचना एएसआई दान सिंह परस्ते को सौंपी। एएसआई पीएम रिर्पोट का अध्ययन किये बिना आग से जल कर हुई मौत मानते हुये मर्ग कायम कर ली। जिस पर टीआई हरीश दुबे ने अपनी मुहर लगा दी। बताया जाता है कि डायरी जब न्यायालय में पेश की गई तो पुलिस के विवेचना की लापरवाही निकल कर सामने आई और न्यायालय ने डायरी वापस कर दी। तब डायरी एएसआई प्रमोद पांडेय को जांच के लिए सौंपी गई लेकिन एएसआई प्रमोद पांडेय विवेचना करना तो दूर डायरी का पन्ना तक नहीं पलटा और डायरी थाना में धूल फांक रही थी। आश्चर्य की बात तो यह है कि इस बीच पुलिस के आला अधिकारी भी थाना का निरीक्षण करने पहुंचे लेकिन किसी भी अधिकारी ने उक्त डायरी का जिक्र तक नही किया। डायरी पर जब एडीजीपी व्यंकटेश्वरा राव की नजर पड़ी तो उन्होने टीआई हरीश चंद दुबे, एएसआई दान सिंह परस्ते, प्रमोद पांडेय को बर्खास्त करते हुये वर्दी उतरवा दी। गनीमत रही की शासन भोपाल द्वारा टीआई हरीश दुबे को बहाल करते हुये सागर में पदस्थ कर दिया। बर्खास्तशुदा दोनो एएसआई नौकरी की चाहत में अभी हाईकोर्ट का चक्कर काट रहे है।
आरोपी के एक लड़के की हो चुकी हत्या, दूसरा हत्या के आरोप में है बंद
किशोरी की हत्या के आरोप में एसडीओपी के हत्थे लगे आरोपी के परिवार पर अगर नजर डाली जाये तो अपराध से जुड़ी तस्वीरें निकल कर सामने आई है। बताते चले कि एक साल पूर्व नईगढ़ी थाना क्षेत्र के ग्राम खटखरी की एक लड़की की हत्या हुई थी। प्रेम जाल में फंसा कर आरोपी अतुल सिंह निवासी फूलकरण सिंह ने घटना की रात बुलाया था और उसके साथ दुष्कर्म करने के बाद गला घोंट कर हत्या कर दी थी। इतना ही नहीं आरोपी अतुल सिंह ने युवती द्वारा घर से लाये हुये सारे रूपये और जेवर भी लूट लिये थे। गौरतलब है कि यह हत्या कोई और नहीं लकी मैन (एसडीओपी मऊगंज) द्वारा पकड़े गये हत्या के आरोपी नरेद्र सिंह उर्फ बब्बू सिंह का ही लड़का है। जो अपने पिता के नक्शेकदम पर वारदात को अंजाम दिया था। बताया जाता है कि हत्या के आरोपी नरेंद्र सिंह बब्बू का एक और लड़का था जो आदतन अपराधी बताया जाता है। आज से ड़ेढ साल पहले किसी ने उसकी हत्या कर बहुती फाल में फेक दी थी। जिसकी लाश लगभग 40 दिन बाद पुलिस के हाथ लगी थी।
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