वीरेन्द्र सिंह सेंगर, बबली
रीवा. कहते है कि पानी में पैसा कमाना हो तो आबकारी विभाग की नौकरी करें। बताते चलें कि आबकारी विभाग में शीर्ष अधिकारियों की बात छोड़िये अदना सा आरक्षक भी करोड़पति निकलता है। शराब की हेराफेरी हो या फिर ठेकेदारों पर कृपादृष्टि कर चंद सालों में ही करोड़ों रूपये के आसामी हो जाते है। उनकी अकूत संपत्ति से पर्दा तब उठता है जब वह जांच के दायरे में जा फंसते है। तब तो पानी से बाहर निकली मच्छली की तरह फडफड़़ाते नजर आते है। हाल ही में आयुक्त आबकारी जबलपुर के निर्देश पर शहडोल में दबिश देकर आबकारी टीम ने ऐसे ही एक मच्छली को पानी से बाहर निकाला जो पानी के पैसों से अपनी तिजोरी भर रहा था।
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17 मई को जारी किया गया आदेश
दुर्भाग्य की बात यह है कि उस गंदी मछली को रीवा की ओर उछाल दिया गया। जिसकी वजह से रीवा में भ्रष्टाचार की गंध फैलने की आशंका होने लगी। सूत्रों ने बताया कि शहडोल जिले के विदेशी भंडागार में जबलपुर, कटनी आबकारी विभाग की संयुक्त टीम ने दबिश दी। निरीक्षण के दौरान भारी अनियमितता पाई गई। जिससे यह साबित हो गया कि मद्य भंडागार प्रभारी आबकारी उप निरीक्षक राकेश चंद्र अवधिया ने निजी स्वार्थ के लिए दोनो हाथों से शराब की हेराफेरी की। जांच में भंडागार से 155 पेटी शराब नदारत पाई गई। जिसमें 129 पेटी स्प्रिट और 26 पेटी बियर शामिल है। इसकी रिपोर्ट आबकारी टीम ने अपने शीर्ष अधिकारी को दी। जिस पर आबकारी मुख्यालय ग्वालियर ने विदेशी भंडागार से शराब तस्करी को अंजाम देने वाले आबकारी उप निरीक्षक राकेश चंद्र अवधिया को निलंबित करते हुये रीवा संभागीय उडऩ दस्ता कार्यालय में अटैच किये जाने का आदेश जारी कर दिया। उक्त आदेश बुधवार 17 मई को जारी किया गया। बताते चले कि इस बात का खुलासा तब हुआ जब शहडोल जिले के गोहपारू पुलिस ने कुछ दिन पूर्व मिनी ट्रक को अपने कब्जे में लेकर तलासी के दौरान बिना परमिट की अवैध शराब की खेप जब्त की थी। जिसकी सूचना पुलिस द्वारा आबकारी विभाग के आला अधिकारियों को दी गई थी।
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