मध्यप्रदेश के रीवा जिले अमवा गांव में एक ही परिवार के चार शव पहुंचे ही परिजनों में कोहराम मच गया, यह दृश्य देख तो हर किसी की आंखें नम हो गईं। ये शव गुरुवार को भोपाल में बच्चों को जहर देकर मारने के बाद सुसाइड करने वाले भूपेंद्र विश्वकर्मा और उनकी पत्नी रितु के हैं। अपने घर के चार सदस्यों को एक साथ खोने वाले परिजन निराश होने के साथ ही आक्रोशित भी हैं। परिजनों ने ग्रामीणों के साथ मिलकर चारों शवों को जबलपुर-प्रयागराज नेशनल हाईवे पर रखकर चक्काजाम कर दिया है। उन्होंने हत्या का आरोप लगते हुए पूरे मामले की CBI जांच और सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे थे। उनका कहना था कि जब तक ये मांगें पूरी नहीं होतीं, तबतक अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा। इस प्रदर्शन के चलते हाईवे के दोनों तरफ 5 किलोमीटर तक वाहनों की लाइन लगी है।
बतादेंकि राजधानी भोपाल के रातीबड़ में भूपेंद्र विश्वकर्मा (38) ने गुरुवार को अपने दोनों बच्चों ऋषिराज (9) और ऋतुराज (3) को जहर पिला दिया था और इसके बाद पत्नी रितु (35) के साथ फांसी झूलकर आत्महत्या कर लिया था। गुरुवार-शुक्रवार की दरम्यानी रात करीब तीन बजे परिजन चारों के शव लेकर गृहग्राम अमवा लेकर पहुंचे। अंतिम संस्कार के लिए शुक्रवार सुबह चार अर्थी श्मशान घाट के लिए एक साथ रवाना हुईं, लेकिन परिजन शव लेकर हाईवे पर बैठ गए।
मृतक भूपेंद्र के पिता शिवनारायण विश्वकर्मा का कहना है कि चारों की हत्या की गई है। फांसी लगाई होती तो इसकी जीभ और आंख निकल आती, लेकिन किसी के साथ भी ऐसा नहीं हुआ। मेरे पोतों को उल्टी भी नहीं हुई, जहर पिलाते तो उल्टी होती। इसकी CBI जांच होनी चाहिए। भूपेंद्र की हत्या से पहले ही पुलिस में केस भी दर्ज कराया गया था।
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