लोगों की धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए यह सुनिश्चित करने पर जोर दिया जा रहा है कि फिल्मों में देवी-देवताओं के चित्रण के दौरान सम्मानजनक, सांस्कृतिक और धार्मिक भावनाओं का पालन सख्ती के साथ हो। दरअसल इन दिनों देखा जा रहा है कि धार्मिक भावनाओं से जुड़ी संवेदनशीलता के कारण दैवीय भूमिकाएं निभाने वाले कई कलाकारों को आलोचना और अस्वीकृति का सामना करना पड़ा है। बतादें कि देवी - देवताओं को स्क्रीन पर चित्रित करना बेहद नाजुक मामला है। ऐसे में कें द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (central board of film certification) ने फिल्मों में मानव रूप में देवताओं के चित्रण को लेकर नए निर्देश जारी किए हैं। जिसके मुताबिक फिल्म निर्माताओं को इंसानों को भगवान के रूप में दिखाने की अनुमति नहीं होगी। अर्थात अक्षय कुमार जैसे अन्य सुपरस्टार समेत अभिनेताओं को फिल्मों में दैवीय किरदार निभाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
कें द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (central board of film certification) के नए दिशानिर्देशों के तहत अभिनेताओं को फिल्मों में देवत्व की भूमिका निभाने की अनुमति नहीं होगी। बतादें कि इस नियम के लागू होने के बाद किसी फिल्म में भगवान की भूमिका निभाने वाले आखिरी अभिनेता पवन कल्याण हो सकते हैं। दरअसल पवन कल्याण (Pawan Kalyan) हाल में रिलीज हुई तेलुगू फिल्म ‘ब्रो’ में काल के किरदार में दिखे थे।
कलाकारों के अस्वीकृति का ताजा उदाहरण ‘आदिपुरुष’ है। जिसमें प्रभास, कृति सनोन और सैफ अली खान मुख्य भूमिका में थे। रामायण पर आधारित इस फिल्म को दर्शकों ने पसंद नहीं आई। फिल्म के संवाद लेखक और निर्देशक को ट्रोल किया गया। इसके बाद अक्षय कुमार ने ‘ओएमजी-2’ (OMG-2) बनकर रिलीज तैयार है। इस फिल्म में पहले अक्षय कुमार भगवान शिव के किरदार में दिखने वाले थे, लेकिन अब कें द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) ने पहले ही फिल्म के कई सीन्स पर कैंची चलाने का निर्देश दिया। साथ ही इस फिल्म को ‘ए’ सर्टिफिकेट दिया गया है और अक्षय अब फिल्म में भगवान के दूत के रूप में दिखेंगे।
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