रहिये अपडेट, दिल्ली। घरों में रोजाना उपयोग होने वाली बिस्कुट, चिप्स, भुजिया, कोल्ड ड्रिंक, ब्रेड और चॉकलेट जैसे अन्य उत्पादों में शुगर, फैट व सोडियम की मात्रा विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मानक से आठ गुना अधिक पायी गई है। पोषण पर काम करने वाले गैर-सरकारी संगठन न्यूट्रिशन एडवोकेसी इन पब्लिक इंटरेस्ट (नापी) ने 43 पैकेज्ड फूड का अध्ययन किया। करीब एक तिहाई उत्पादों में शुगर, फैट और सोडियम की मात्रा तय मानक से अधिक थी। ये उत्पाद धीरे-धीरे लोगों को लती और बीमार बना रहे हैं। कंपनियां आक्रामक मार्केटिंग, बच्चों को लक्षित करने वाले विज्ञापन व लचर नियमों का फायदा उठाकर तेजी से बढ़ रही हैं। इन जंक फूड की खपत के साथ डायबिटीज, हाइपरटेंशन, हृदय रोग और कैंसर जैसी बीमारियों के मामले बढ़ रहे हैं।
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भारतीय मानक से अधिक खाते हैं नमक
भारतीय नमक का उपयोग मानक के अधिक करते हैं। नेचर पोर्टफोलियो में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक एक भारतीय औसतन रोज 8 ग्राम नमक खाता है, जबकि मानक सीमा 5 ग्राम प्रतिदिन है। राष्ट्रीय एनसीडी (गैर-संचारी रोग) निगरानी सर्वेक्षण के दौरान शोधकर्ताओं ने 3000 लोगों के सैंपलों की जांच की। इनमें सोडियम की मात्रा (नमक का प्रमुख घटक) अधिक मिली। पता चला कि पुरुष (औसतन 8.9 ग्राम प्रतिदिन) महिलाओं (7.9 ग्राम/प्रतिदिन) की तुलना में अधिक नमक खाते हैं।
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