रहिये अपडेट, सतना. शमशाबाद में 15 सितंबर को आयोजित राज्यस्तरीय शालेय कुश्ती प्रतियोगिता में भाग लेने गए रीवा संभाग के खिलाड़ियों के साथ खेला हो गया। प्रतियोगिता में भाग लेकर लौटे जिले के 25 खिलाड़ियों ने बताया की उन्हें नाश्ते में सुबह मात्र पोहा दिया जाता था। पोहा खाकर कुश्ती लड़ने को मजबूर थे। डाइट के लिए प्रतिदिन प्रति खिलाड़ी 300 रुपए मिलते हैं। जीएम ने खिलाड़ियों की डाइट में कटौती कर नाश्ते में पोहा और दोपहर भोजन में दाल, चावल और रोटी-सब्जी दिया। सलाद तक की व्यवस्था नहीं थी। ऑडियो, वीडियो वायरल कर संभागीय जीएम पर खिलाड़ियों ने आरोप लगाए। कार्रवाई की मांग की।
ट्रेन की फर्श पर बैठकर यात्रा, नहीं मिली बर्थ
खिलाड़ी छात्रों ने बताया कि खिलाड़ियों को सफर में भी समस्या हुई। आधे से अधिक खिलाड़ियों को ट्रेन में बर्थ नहीं मिली। इसलिए वह फर्श पर बैठकर यात्रा को मजबूर हुए। लौटते समय जिस बस से उन्हें विदिशा रेलवे स्टेशन तक लाया गया वह ओवरलोड थी। खचाखच भरी बस में 60 किमी की यात्रा खड़े होकर करनी पड़ी।
खिलाड़ियों ने बयां किया दर्द
कुश्ती खिलाड़ी ने बताया कि उन्हें पहनने के लिए जो किट उपलब्ध कराई गई वह भी घटिया थी। जबकि, दूसरे संभाग के खिलाडियों को मिली किट गुणवत्ता युक्त थी। जिले के कुश्ती खिलाडियों ने खेल अकादमी के संभागीय जीएम धर्मेंद्र पांडेय पर घटिया भोजन उपलब्ध कराने का आरोप लगाते हुए कहा कि यदि खिलाड़ी भोजन में सलाद न होने, रोटी कच्ची होने या चावल में कीड़े होने की शिकायत करते तो उनके साथ अभद्रता की जाती थी। खिलाड़ी रत्नेश ने कहा कि हम खिलाड़ियों को मानसिक रूप से प्रताडित किया गया। इसका असर उनकी खेल प्रतिभा पर पड़ा और वह क्षमता के अनुसार खेल का प्रदर्शन नहीं कर सके।
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