रीवा. झलबदरी धाम विश्वविद्यालय के पास परम संत सनकादिक महाराज के सानिध्य में १००८ कुंडीय महायज्ञ आयोजित किया जा रहा है। महायज्ञ में लगातार भक्तों की भीड़ बढ़ती जा रही है। सुबह से लेकर दोपहर तक यज्ञ कुंड में आहूति देने के साथ ही यज्ञ मंडप की परिक्रमा का क्रम चल रहा है। यहां हवन, परिक्रमा और भंडारे में प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु हिस्सा ले रहे हैं। महायज्ञ का समापन और संतों का विदाई समारोह १५ दिसंबर को आयोजित किया जाएगा।
प्रतिदिन की तरह शुक्रवार को भी यज्ञ मंडप में हवन और आहुति के लिए सुबह से ही भक्तगण पहुंचने लगे थे। दोपहर तक में यहां हजारों श्रद्धालुओं ने न केवल यज्ञ में आहूति दी बल्कि यज्ञ मंडप की परिक्रमा के बाद संत सनकादिक महाराज की आशीर्वाद प्राप्त किया। इस दौरान आचार्यों द्वारा वेदमंत्रों के उच्चारण के साथ हवन कराया गया। इसके बाद दोपहर २ बजे से शुरू हुए भंडारे में सभी ने प्रसाद ग्रहण किया। कार्यक्रम के संयोजक रामकथा समिति के अध्यक्ष सुभाष बाबू पाण्डेय ने बताया कि प्रतिदिन हवन, यज्ञ के बाद भंडारा और फिर शाम को रामकथा तथा रात में रासलीला का भव्य आयोजन हो रहा है। रासलीला में भी भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है। पाण्डेय ने जिलेभर के श्रद्धालुओं से अपील की है कि इस पावन आयोजन में शामिल होकर पुण्य लाभ प्राप्त करें।
यज्ञ मनुष्य के जीवन के पुण्यों का प्रतिफल
यज्ञ स्थल पर भक्तों को आशीर्वाद देते हुए संत सनकादिक महाराज ने कहा कि यज्ञ मनुष्य के जीवन के संचित पुण्यों का प्रतिफल से रूपायित होता है। यह भूमि महायज्ञ से पवित्र और धन्य हो चुकी है। उन्होंने कहा कि यज्ञ से मनुष्य के न केवल सभी विकार नष्ट हो जाते हैं, बल्कि यज्ञ, हवन से वातावरण भी शुद्ध हो जाता है। महाराज ने कहा कि भक्तों का उत्साह यह बताता है कि महायज्ञ सफल हो रहा है। कहा कि अभी दो दिन का समय है जो भक्त नहीं पहुंच पाएं हैं, वे महायज्ञ में शामिल होकर अपना जीवन धन्य करें।
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