मऊगंज के विधायक प्रदीप पटेल एक बार फिर धरने पर बैठ गए। जिनकी ज़िद के आगे पुलिस विभाग और प्रशासन को झुकना पड़ा। अक्सर धरने पर बैठकर अपनी ज़िद मनवाने वाले मऊगंज विधायक शुक्रवार की रात एक बार फिर एक फरियादी के घर सहित कलेक्टरेट कार्यालय में देर रात तक धरने पर बैठकर नाबालिक किशोरी के मामले में पुलिस के खिलाफ कार्रवाई की मांग पर अड़ गए। रात करीब 1 बजे तक कलेक्ट्रेट कार्यालय में विधायक उस वक्त तक धरने में डटे रहे, जबतक कि संबंधित लौर थाने के प्रभारी सहित बीट प्रभारी को निलंबित नहीं कर दिया गया।
दरअसल यह पूरा मामला मऊगंज जिले के लौर थाना क्षेत्र के सीतापुर गांव की एक नाबालिक किशोरी का है। मामले में एक आदतन अपराधी मुस्लिम युवक पर किशोरी को पहले बहला फुसलाकर उसका अपहरण करने सहित लव जिहाद का आरोप लगा है। मामले में आरोपी की मुंबई से गिरफ्तारी होने के बाद भी लौर थाने की पुलिस पर लापरवाही बरतने सहित आरोपी को संरक्षण देने और पीड़ित परिवार से पैसों की मांग करने सहित अन्य आरोप लगाते हुए कारवाई की मांग पर अड़ गए।
शुक्रवार की देर शाम विधायक प्रदीप पटेल प्रयागराज से चल रहे महाकुंभ से सीधा वापस लौटने के बाद सीतापुर गांव पहुंचे और फरियादिया के घर में धरना दे दिया, लेकिन जब बात यहां नहीं बनी तो वह कलेक्टरेट कार्यालय पहुंचे और एक बार फिर धरने पर बैठ गए। रात करीब 1 बजे तक चले मान मनोल के बाद विधायक उस वक्त धरने से उठे जब मऊगंज एसपी रसना ठाकुर ने लौर थाने के प्रभारी जगदीश सिंह ठाकुर और संबंधित बीट प्रभारी को निलंबित कर दिया। फिलहाल मऊगंज विधायक ने तो धरना देकर अपनी जिद पूरी कर ली लेकिन विधायक के इस क्रियाकलाप से अब पूरे जिले के पुलिस और प्रशासनिक महकमे में चर्चाओं का बाजार गर्म है।
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