मध्यप्रदेश की राजगढ़ की नेशनल साइकिलिस्ट और पर्वतारोही आशा मालवीय गुरुवार को रीवा पहुंची। कमिश्नर बीएस जामोद ने ज्ञानोदय कन्या छात्रावास में स्वागत किया। आशा ने छात्राओं से भेंट कर उन्हें शिक्षा के साथ खेलों में आगे बढने के लिए प्रेरित किया। नेशनल साइकिलिस्ट ने बताया कि उन्होंने अब तक साइकिल से दो साल में 42,430 किलोमीटर की यात्रा की है। जब वह दो साल की थी तब उनके पिता का देहांत हो गया था। उनकी माता ने मजदूरी करके उन्हें और उनकी बहन को पाला-पोसा। बताया कि कक्षा दसवीं तक पढ़ाई करने के बाद नौकरी कर ली। साथ ही अपनी पढ़ाई भी जारी रखी। एथलीट के रूप में 20 मैराथन और मिनी मैराथन में भाग लेकर प्रतियोगिताएं जीती। इनमें मिली ईनाम की राशि से बहन की शादी की और जमीन खरीदकर मां के लिए घर बनाया। छात्राओं से कहा कि यदि हम दृढ़ संकल्प करके प्रयास करते हैं तो सफलता जरूर मिलती है। कहा कि कंफर्ट जोन में जाने से कोई काम नहीं होता है। सदैव ऐसे कार्य करें जिससे माता-पिता अपने को गौरवमयी मानें।
26 हजार किमी की साइकिलिंग
आशा ने बताया, इस वर्ष 26 हजार किमी की यात्रा की है। एक नवम्बर 2022 से अकेले साइकिल यात्रा शुरू की। कश्मीर से कन्या कुमारी तक और लेह, लद्दाख, सियाचिन और दुनिया की सबसे ऊंची सडक़ खारडोंगला तक साइकिलिंग की है। उन्होंने 25 मुख्यमंत्रियों, 28 राज्यपालों, 5 लाख महिलाओं और 5 लाख विद्यार्थियों से भेंट की है। रीवा सैनिक स्कूल के छात्र रहे नौ सेना और थल सेनाध्यक्ष की प्रेरणा से वह रीवा आई हैं।
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